क्या डीजीसीए ने पिछले 5 वर्षों में हवाई सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 171 नियामक ऑडिट किए हैं?

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क्या डीजीसीए ने पिछले 5 वर्षों में हवाई सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 171 नियामक ऑडिट किए हैं?

सारांश

भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए डीजीसीए ने 171 नियामक ऑडिट किए हैं। यह कदम विमानन सुरक्षा को मजबूत करने और आकस्मिकताओं का सामना करने के लिए आवश्यक है। जानिए इस प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी।

Key Takeaways

  • डीजीसीए ने 171 नियामक ऑडिट किए हैं।
  • सुरक्षा प्रबंधन प्रणालियों पर ध्यान दिया जा रहा है।
  • विशेष ऑडिट का लक्ष्य सुरक्षा को बढ़ाना है।
  • नियमों के अनुपालन में सख्ती बरती जाएगी।
  • प्रक्रिया में तीन चरण होंगे: पूर्व-ऑडिट, ऑन-साइट और पोस्ट-ऑडिट।

नई दिल्ली, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सोमवार को संसद में बताया गया कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 2020 से जून 2025 तक 171 नियामक ऑडिट किए हैं।

नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, जनवरी 2024 से अब तक टर्बुलेंस की कुल दो घटनाएं और तकनीकी खराबी के कारण आपातकालीन लैंडिंग की 10 घटनाएं सामने आई हैं। इसके अलावा एयर इंडिया के बोइंग विमान वीटी-एएनबी ने 12 जून, 2025 को "मईडे" (एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संकट कॉल) घोषित किया और अंततः दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

मंत्री ने कहा कि भारत में पायलट प्रशिक्षण नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (सीएआर) और संचालन परिपत्रों के तहत निर्दिष्ट मौजूदा नियमों द्वारा शासित होता है, जो अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप हैं।

डीजीसीए ने विमानों के सुरक्षित संचालन और रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए नागरिक उड्डयन नियम स्थापित किए हैं। इन नियमों को लगातार अद्यतन किया जाता है और इन्हें अंतर्राष्ट्रीय मानकों, जिनमें आईसीएओ और यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी (ईएएसए) के मानक भी शामिल हैं, के अनुरूप बनाया जाता है। मंत्री ने बताया कि डीजीसीए समय-समय पर आईसीएओ मानकों के अनुसार अपने नियमों में संशोधन करता रहता है।

मंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने 2009 में वायु परिवहन अधिनियम, 1972 में संशोधन करके मॉन्ट्रियल कन्वेंशन, 1999 का समर्थन किया है, जो अन्य बातों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय परिवहन के दौरान किसी व्यक्ति, सामान या माल की मृत्यु, देरी, क्षति या हानि की स्थिति में क्षतिपूर्ति के लिए वाहकों की ज़िम्मेदारियों का प्रावधान करता है।

इस बीच, डीजीसीए ने अहमदाबाद में एयर इंडिया की दुखद दुर्घटना के बाद देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र को लगे झटके के बाद सुरक्षा बढ़ाने के लिए व्यापक विशेष ऑडिट के एक नए सेट का भी आदेश दिया है।

ऑडिट ढांचे में अनुसूचित और गैर-अनुसूचित एयरलाइंस, रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल संगठन (एमआरओ), उड़ान प्रशिक्षण स्कूल, एयर नेविगेशन सेवा प्रदाता, हवाई अड्डा संचालक और ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों सहित विमानन संस्थाओं की पूरी श्रृंखला शामिल होगी।

ऑडिट ढांचा वार्षिक निगरानी कार्यक्रम के अनुसार किए जा रहे नियामक ऑडिट के अतिरिक्त होगा। इसमें गैर-अनुपालन के लिए और भी कठोर दंड होंगे, जिसमें एयरलाइनों का उड़ान भरना भी शामिल है।

यह प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होगी: पांच से सात दिनों का पूर्व-ऑडिट चरण, तीन से पांच दिनों का ऑन-साइट ऑडिट, और विश्लेषण एवं अनुवर्ती कार्रवाई के लिए दस से पंद्रह दिनों की पोस्ट-ऑडिट अवधि। ऑडिट की गई संस्थाओं को निष्कर्ष प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर सुधारात्मक कार्य योजनाएं प्रस्तुत करनी होंगी। डीजीसीए इन योजनाओं के कार्यान्वयन पर कड़ी निगरानी रखेगा।

नियामक ने वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में और विमानन के विभिन्न क्षेत्रों से आए विषय विशेषज्ञों के सहयोग से बहु-विषयक ऑडिट टीमें तैनात की हैं। ये टीमें गहन निरीक्षण कर रही हैं।

मुख्य फोकस क्षेत्रों में सुरक्षा प्रबंधन प्रणालियां (एसएमएस), परिचालन दक्षता, नियामक ढांचों का पालन, और चालक दल एवं संसाधन प्रबंधन प्रोटोकॉल शामिल हैं।

अधिकारियों के अनुसार, यह ऑडिट कई कारकों के कारण हुआ, जिनमें विमानन दुर्घटनाएं, गंभीर घटनाएं, बार-बार होने वाले गैर-अनुपालन मुद्दे, और आईसीएओ द्वारा चिह्नित निष्कर्ष शामिल हैं।

इसके साथ हीं डीजीसीए ने स्पष्ट किया है कि ऑडिट सिफारिशों का पालन न करने पर सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन के मामलों में परिचालन निलंबित करने या लाइसेंस रद्द करने जैसे दंड का सामना करना पड़ सकता है।

Point of View

NationPress
11/08/2025

Frequently Asked Questions

डीजीसीए क्या है?
डीजीसीए का मतलब नागरिक उड्डयन महानिदेशालय है, जो भारत में नागरिक उड्डयन के विकास और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।
इन ऑडिट का उद्देश्य क्या है?
इन ऑडिट का उद्देश्य हवाई यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसी भी तकनीकी खामियों से बचना है।
क्या डीजीसीए नियमित रूप से ऑडिट करता है?
जी हां, डीजीसीए समय-समय पर सुरक्षा मानकों के अनुसार ऑडिट करता है।
क्या हवाई सुरक्षा को लेकर कोई नई नीतियां हैं?
हाँ, डीजीसीए ने हाल ही में सुरक्षा बढ़ाने के लिए व्यापक विशेष ऑडिट का आदेश दिया है।
क्या ऑडिट के बाद कोई दंड हो सकते हैं?
अगर ऑडिट सिफारिशों का पालन नहीं किया जाता है, तो परिचालन निलंबित करने या लाइसेंस रद्द करने जैसे दंड का सामना करना पड़ सकता है।