क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को श्रीलंका का दौरा करेंगे और शीर्ष नेतृत्व से बातचीत करेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- एस जयशंकर का श्रीलंका दौरा मानवीय सहायता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- भारत ने 'ऑपरेशन सागर बंधु' के तहत राहत कार्य शुरू किया।
- श्रीलंका में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भेजी गई।
- हाई कमिश्नर संतोष झा ने स्थानीय लोगों के साथ सहयोग किया।
नई दिल्ली, २२ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के रूप में श्रीलंका का दौरा करेंगे। यह दौरा तूफान दितवाह द्वारा उत्पन्न संकट के दौरान चल रहे राहत प्रयासों के संदर्भ में हो रहा है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, "यह यात्रा भारत की पड़ोसी प्रथम नीति को दर्शाती है और 'ऑपरेशन सागर बंधु' के तहत किया जा रहा है।"
भारत ने २८ नवंबर को 'ऑपरेशन सागर बंधु' की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य श्रीलंका को तात्कालिक मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रदान करना था।
इसके पहले, भारत ने श्रीलंका के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भेजी थी। १८ दिसंबर को, भारत के हाई कमिश्नर, संतोष झा ने कोलंबो के विभिन्न इलाकों का दौरा किया जहाँ तूफान ने भयंकर तबाही मचाई थी।
हाई कमिश्नर ने ऑल सीलोन सूफी स्पिरिचुअल एसोसिएशन के सहयोग से कोलोन्नावा में परिवारों के बीच हेल्प किट का वितरण किया।
इससे पहले, १४ दिसंबर को, भारतीय वायु सेना का सी-१७ ग्लोबमास्टर विमान श्रीलंका पहुँचा, जिसमें १० टन दवाइयाँ और १५ टन सूखा राशन भेजा गया। भारतीय सेना ने भी जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कीं और संचार की बहाली में मदद की।
इसके अलावा, सड़कों और पुलों की मरम्मत का कार्य भी जारी है। भारतीय हाई कमीशन ने बताया कि आवश्यक सड़क संपर्क को बहाल करने के प्रयास चल रहे हैं।