क्या सिलीगुड़ी के निजी नर्सिंग होम में आग लगने से मरीज की मौत हुई?
सारांश
Key Takeaways
- पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में आग लगने से एक मरीज की मौत।
- अस्पताल के कर्मचारियों ने अन्य मरीजों को बचाया।
- जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया।
- रिश्तेदारों ने लापरवाही का आरोप लगाया।
- पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
कोलकाता, 24 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी में एक निजी नर्सिंग होम में गुरुवार रात को अचानक आग लगने के कारण एक मरीज की मौत हो गई। लेकिन, अस्पताल के कर्मचारियों और पुलिस की तत्परता से अन्य मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती मृतक मरीज की मौत आग के धुएं के कारण हुई या किसी और वजह से।
आग लगने की सूचना मिलते ही सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के उपायुक्त राकेश सिंह ने घटनास्थल पर पहुंचकर मीडियाकर्मियों से कहा कि जनरल वार्ड के 12 मरीज और आईसीयू के 5 मरीज सुरक्षित हैं।
राकेश सिंह ने कहा कि पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और कानूनी प्रावधानों के अनुसार उचित कदम उठाए जाएंगे।
हालांकि, मरीजों के रिश्तेदारों ने नर्सिंग होम के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि आपातकालीन स्थिति के लिए उचित प्रावधान नहीं थे। उन्होंने यह भी शिकायत की कि आग लगने के समय चिकित्सा कर्मचारियों की कमी थी और आधी रात के बाद अग्निशामक उपकरणों के लिए सहायक कर्मचारियों की भी कमी थी।
घटनास्थल पर मौजूद अग्निशमन विभाग के अधिकारी ने भी रिश्तेदारों के आरोपों की पुष्टि की, जो यह मानते थे कि यदि नर्सिंग होम के अग्निशामक उपकरणों का सही तरीके से इस्तेमाल किया गया होता, तो आग पर तुरंत काबू पाया जा सकता था।
हालांकि, नर्सिंग होम के अधिकारियों ने इन आरोपों का खंडन किया है। नर्सिंग होम के प्रवक्ता ने कहा कि जब आग लगी, तब अस्पताल में पर्याप्त कर्मचारी मौजूद थे। प्रारंभिक जांच से यह भी पता चला है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट था।