क्या भारत का स्वर्ण भंडार 2.2 बिलियन डॉलर बढ़कर 95.01 बिलियन डॉलर हो गया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत का स्वर्ण भंडार 2.238 बिलियन डॉलर बढ़कर 95.017 बिलियन डॉलर हो गया।
- विदेशी मुद्रा भंडार 700.236 बिलियन डॉलर पर स्थिर है।
- फॉरेन करेंसी एसेट्स का हिस्सा 581.757 बिलियन डॉलर है।
- आरबीआई बाजार की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप करता है।
- यह आंकड़ा वैश्विक निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के अनुसार, 26 सितंबर को समाप्त सप्ताह में भारत का स्वर्ण भंडार 2.238 बिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ 95.017 बिलियन डॉलर पर पहुँच गया।
इस सप्ताह का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 700.236 बिलियन डॉलर था, जबकि इससे पिछले सप्ताह यह 702.57 बिलियन डॉलर था।
फॉरेन करेंसी एसेट्स की कीमत 581.757 बिलियन डॉलर रही, जो भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा है। इस सप्ताह इन संपत्तियों के मूल्य में गिरावट आई, जिसमें यूरो, पाउंड और येन जैसी प्रमुख वैश्विक मुद्राएं शामिल हैं।
स्पेशल ड्राइंग राइट्स (एसडीआर) 18.789 बिलियन डॉलर पर थे, और भारत की रिजर्व स्थिति अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ 4.673 बिलियन डॉलर थी।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अपने उच्चतम स्तर के करीब बना हुआ है, जो बाहरी झटकों से सुरक्षा प्रदान करता है और वैश्विक निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है।
विश्लेषकों का मानना है कि आरबीआई की मजबूत रिजर्व स्थिति मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने में मदद करती है।
पिछले सप्ताह स्वर्ण भंडार 360 मिलियन डॉलर बढ़कर 92.78 बिलियन डॉलर हो गया था।
आरबीआई समय-समय पर विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करता है ताकि रुपए में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित किया जा सके।
अधिकारियों का कहना है कि इसका उद्देश्य किसी विशिष्ट विनिमय दर को लक्षित करने के बजाय बाजार की स्थिति को नियंत्रित करना है।