क्या झारखंड के सात दलों ने तीन साल से बैंक खातों का ब्योरा नहीं दिया?

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क्या झारखंड के सात दलों ने तीन साल से बैंक खातों का ब्योरा नहीं दिया?

सारांश

झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सात रजिस्टर्ड पार्टियों को नोटिस जारी किया है। क्या ये पार्टियाँ अब सक्रिय नहीं हैं? जानिए इस मामले की पूरी जानकारी और संभावित सुनवाई की तिथियाँ।

Key Takeaways

  • सात दलों को नोटिस जारी किया गया है।
  • बैंक खातों का ब्योरा न देना गंभीर उल्लंघन है।
  • सुनवाई की तिथि 16 अक्टूबर है।
  • अगर समय पर उत्तर नहीं दिया गया, तो रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है।
  • यह मामला राजनीतिक पारदर्शिता से संबंधित है।

रांची, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) के. रवि कुमार ने बैंक खातों का ब्योरा न देने के कारण सात रजिस्टर्ड पार्टियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

इन पार्टियों में झारखंड की क्रांतिकारी पार्टी, झारखंड पार्टी (सेक्युलर), लोक जन विकास मोर्चा, राष्ट्रीय देशज पार्टी, राष्ट्रीय संगाइल पार्टी, झारखंड पीपल्स पार्टी और राष्ट्रीय जनक्रांति मोर्चा शामिल हैं। ये पार्टियां रांची सहित राज्य के विभिन्न जिलों के पते पर रजिस्टर्ड हैं। हालांकि, इन्हें चुनाव आयोग की ओर से मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल का दर्जा नहीं दिया गया है।

इन दलों ने पिछले तीन साल (2021-22, 2022-23 और 2023-24) के अपने ऑडिटेड बैंक अकाउंट्स का ब्योरा चुनाव आयोग को नहीं दिया है। सीईओ ऑफिस की ओर से जारी पत्र में इन पार्टियों को कहा गया है कि वे अपने अस्तित्व और कामकाज से जुड़े कागजात और शपथ पत्र के साथ अपना पक्ष रखें। यदि वे समय पर जवाब नहीं देते हैं, तो माना जाएगा कि पार्टी अब एक्टिव नहीं है और इसकी जानकारी चुनाव आयोग को भेज दी जाएगी।

सूत्रों के अनुसार, आयोग ने पाया है कि इन पार्टियों ने चुनावों में हिस्सा लिया, लेकिन नियम के अनुसार विधानसभा चुनाव के 75 दिन और लोकसभा चुनाव के 90 दिन के भीतर खर्च का विवरण नहीं दिया। यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के नियमों का उल्लंघन है। अब सीईओ ऑफिस ने सभी सात पार्टियों को 9 अक्टूबर तक लिखित जवाब भेजने का समय दिया है। इसके बाद 16 अक्टूबर को सुबह 11 बजे रांची स्थित सीईओ ऑफिस में सुनवाई होगी।

इस संबंध में नोटिस पार्टियों के रजिस्टर्ड पतों पर भेजा गया है। इसके साथ ही अखबारों में पब्लिक नोटिस भी जारी किया जा रहा है। इसके पहले आयोग ने इसी वर्ष जुलाई महीने में झारखंड की सात अन्य पार्टियों भारत विकास मोर्चा, भारतीय जन मुक्ति पार्टी, मानव मुक्ति मोर्चा, नवजवान संघर्ष मोर्चा एवं जनसाधारण पार्टी, झारखंड विकास दल एवं राष्ट्रीय मजदूर किसान प्रजातांत्रिक पार्टी का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की थी।

Point of View

मेरा मानना है कि यह मामला राजनीतिक पारदर्शिता का है। चुनाव आयोग को हर राजनीतिक दल के वित्तीय ट्रांसपेरेंसी की जिम्मेदारी लेनी चाहिए ताकि लोकतंत्र मजबूत हो सके।
NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या यह नोटिस सभी दलों को भेजा गया है?
हाँ, यह नोटिस झारखंड के सभी सात रजिस्टर्ड दलों को भेजा गया है।
क्यों इन दलों को नोटिस जारी किया गया?
इन दलों ने तीन वर्षों से अपने बैंक खातों का ब्योरा चुनाव आयोग को नहीं दिया है।
सुनवाई की तिथि क्या है?
सुनवाई 16 अक्टूबर को सुबह 11 बजे होगी।
क्या इन दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है?
अगर ये दल समय पर जवाब नहीं देते हैं, तो उनका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है।
क्या चुनाव आयोग की कार्रवाई सही है?
हाँ, चुनाव आयोग को सभी दलों की वित्तीय स्थिति की जांच करने का अधिकार है।