क्या पिछले 5 वित्त वर्षों में 7.08 लाख करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी हुई है?

Click to start listening
क्या पिछले 5 वित्त वर्षों में 7.08 लाख करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी हुई है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि पिछले 5 वित्त वर्षों में 7.08 लाख करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी का पर्दाफाश हुआ है? यह जानकारी संसद में प्रस्तुत की गई, जिसमें कर अधिकारियों की कार्रवाई का विस्तृत विवरण शामिल है। जानिए इस मामले में और क्या जानकारी सामने आई।

Key Takeaways

  • पिछले 5 वित्त वर्षों में 7.08 लाख करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी पकड़ी गई।
  • 44,938 मामलों में 1.79 लाख करोड़ रुपए आईटीसी धोखाधड़ी के तहत शामिल हैं।
  • वित्त वर्ष 2024-25 में 2.23 लाख करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी का पता चला।
  • सरकार ने कर चोरी रोकने के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया है।
  • प्रोजेक्ट अन्वेषण के तहत धोखाधड़ी की प्रवृत्ति वाले जीएसटीआईएन की पहचान की जा रही है।

नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पिछले पांच वित्तीय वर्षों 2020-21 से 2024-25 के बीच 91,370 मामलों में कर अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई में 7.08 लाख करोड़ रुपए की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) चोरी का पता चला है। यह जानकारी सोमवार को संसद में साझा की गई।

इन वर्षों के दौरान, पकड़े गए 44,938 मामलों में से चोरी की गई राशि में 1.79 लाख करोड़ रुपए आईटीसी धोखाधड़ी के अंतर्गत आती है।

इस अवधि के दौरान स्वैच्छिक जमा के माध्यम से वसूल की गई जीएसटी राशि 1.29 लाख करोड़ रुपए से अधिक रही।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में, सीजीएसटी के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा 2.23 लाख करोड़ रुपए से अधिक की जीएसटी चोरी का पता चला।

2024-25 में पकड़े गए जीएसटी चोरी के 30,056 मामलों में से आधे से ज्यादा यानी 15,283 मामले इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) धोखाधड़ी से संबंधित थे, जिसमें 58,772 करोड़ रुपए की राशि शामिल थी।

वित्त वर्ष 2023-24 में, कर अधिकारियों द्वारा पकड़ी गई जीएसटी चोरी 2.30 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई, जिसमें से 36,374 करोड़ रुपए की आईटीसी धोखाधड़ी शामिल थी।

इसी प्रकार, 2022-23 में लगभग 1.32 लाख करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी पकड़ी गई, जिसमें 24,140 करोड़ रुपए की आईटीसी धोखाधड़ी शामिल थी।

वित्त वर्ष 2021-22 में, 73,238 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी पकड़ी गई, जिसमें से 28,022 करोड़ रुपए की आईटीसी धोखाधड़ी शामिल थी, जबकि 2020-21 में, 49,384 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी हुई, जिसमें 31,233 करोड़ रुपए की आईटीसी धोखाधड़ी शामिल थी।

राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में शुद्ध सीजीएसटी संग्रह संशोधित अनुमान (आरई) का 96.7 प्रतिशत था।

उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार और जीएसटीएन कर चोरी को रोकने के लिए कई कदम उठा रहे हैं, जैसे ई-इनवॉइसिंग के माध्यम से डिजिटलीकरण, जीएसटी विश्लेषण, सिस्टम-फ्लैग मिसमैच के आधार पर आउटलेयर को उजागर करना, कार्रवाई योग्य जानकारी प्रदान करना और जांच के लिए रिटर्न का चयन एवं विभिन्न जोखिम मापदंडों के आधार पर ऑडिट के लिए करदाताओं का चयन करना। ये उपाय राजस्व की सुरक्षा और कर चोरी करने वालों को पकड़ने में सहायता प्रदान करते हैं।"

इसी के साथ, प्रोजेक्ट अन्वेषण (विश्लेषण, सत्यापन, विसंगतियों की सूची) जैसी कुछ परियोजनाएं भी शुरू की गई हैं, जिसके तहत धोखाधड़ी की प्रवृत्ति वाले जीएसटीआईएन की शीघ्र पहचान के लिए फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस), ई-वे बिल डेटा आदि जैसी नई तकनीकों का उपयोग किया गया ताकि इंटेलिजेंस रिपोर्ट तैयार की जा सकें।

Point of View

यह आवश्यक है कि सरकार और संबंधित संस्थाएं जीएसटी चोरी को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाएं। यह देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कर चोरी करने वाले तत्वों को सख्ती से दंडित किया जाए और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाए।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी चोरी का क्या मतलब है?
जीएसटी चोरी का मतलब है कि किसी व्यक्ति या कंपनी ने वस्तु एवं सेवा कर को जानबूझकर नहीं भरा या गलत तरीके से भरा है।
सरकार जीएसटी चोरी को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है?
सरकार ई-इनवॉइसिंग, जीएसटी विश्लेषण और नई तकनीकों का उपयोग कर जीएसटी चोरी को रोकने के लिए कई उपाय कर रही है।
जीएसटी चोरी से देश को क्या नुकसान होता है?
जीएसटी चोरी से देश की राजस्व आय में कमी आती है, जो विकास और सार्वजनिक सेवाओं पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
क्या जीएसटी चोरी के मामलों का खुलासा संसद में किया गया है?
हां, हाल ही में संसद में जीएसटी चोरी के मामलों का खुलासा किया गया है।
कितने मामलों में जीएसटी चोरी पकड़ी गई है?
पिछले पांच वित्त वर्षों में कुल 91,370 मामलों में जीएसटी चोरी पकड़ी गई है।