क्या भारतीय रेलवे अगले पांच साल में 48 स्टेशनों की क्षमता दोगुना करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- भारतीय रेलवे की योजना 48 प्रमुख स्टेशनों की क्षमता दोगुना करने की है।
- इससे यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।
- योजना को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा: तत्काल, शॉर्ट-टर्म, लॉन्ग-टर्म।
- सभी जोनल रेलवे को अपने स्तर पर क्षमता बढ़ाने की योजना बनानी होगी।
- यह योजना देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगी।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रेलवे अगले पांच वर्षों में देश के 48 रेलवे स्टेशनों, जिनमें दिल्ली, मुंबई और चेन्नई शामिल हैं, की ट्रेनों को संभालने की क्षमता को दोगुना करने के लिए तैयारी कर रहा है। यह जानकारी सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई है।
सरकार ने जिन शहरों में रेलवे स्टेशनों की ट्रेनों को संभालने की क्षमता को दोगुना करने की योजना बनाई है, उनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरु के साथ-साथ पटना, लखनऊ, चंडीगढ़, जयपुर, भोपाल, गुवाहाटी, वाराणसी, आगरा, पुरी, कोचीन, कोयंबटूर, वडोदरा, सूरत, अमृतसर, लुधियाना, विशाखापत्तनम, तिरूपति, विजयवाड़ा और मैसूर शामिल हैं।
स्टेशनों की ट्रेनों की संभालने के लिए कई प्रकार के बदलाव किए जाएंगे, जिनमें मौजूदा टर्मिनल्स में नए प्लेटफॉर्म जोड़ना, स्टेब्लिंग लाइनें, पिट लाइनें, और पर्याप्त शंटिंग सुविधाएं, साथ ही शहरी इलाके में नए टर्मिनल बनाना शामिल हैं।
बयान में कहा गया है कि स्टेशनों पर रखरखाव की सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिसमें मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स और ट्रैफिक सुविधा कार्यों के साथ सेक्शनल क्षमता बढ़ाना, सिग्नलिंग अपग्रेडेशन, और अलग-अलग पॉइंट्स पर ट्रेनों को संभालने के लिए आवश्यक मल्टीट्रैकिंग शामिल है।
टर्मिनल की क्षमता बढ़ाने की योजना बनाते समय, टर्मिनल के आस-पास के स्टेशनों पर भी विचार किया जाएगा ताकि क्षमता समान रूप से संतुलित रहे। उदाहरण के लिए, पुणे के लिए, पुणे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म और स्टेबलिंग लाइनों को बढ़ाने के साथ-साथ हडपसर, खडकी और आलंदी पर भी क्षमता बढ़ाने पर विचार किया गया है।
बयान में कहा गया है, "हालांकि क्षमता को दोगुना करने का प्लान 2030 तक का है, लेकिन उम्मीद है कि अगले 5 वर्षों में क्षमता को धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा ताकि इसका फायदा तुरंत मिल सके। इससे आने वाले वर्षों में ट्रैफिक की जरूरत को पूरा करने में मदद मिलेगी। इस योजना में कार्यों को तीन श्रेणियों में बांटा जाएगा - तत्काल, शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म।"
सभी जोनल रेलवे के जनरल मैनेजरों को लिखे एक पत्र में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ सतीश कुमार ने कहा कि प्रस्तावित योजना विशिष्ट होनी चाहिए, जिसमें स्पष्ट टाइमलाइन और तय नतीजे हों। यह काम खास स्टेशनों पर केंद्रित है, लेकिन हर जोनल रेलवे को अपने डिवीजनों में ट्रेन हैंडलिंग क्षमता बढ़ाने का योजना बनाना चाहिए, यह सुनिश्चित करते हुए कि न केवल टर्मिनल क्षमता बढ़े, बल्कि स्टेशनों और यार्ड में सेक्शनल क्षमता और ऑपरेशनल समस्याओं को भी प्रभावी ढंग से हल किया जाए।