क्या भोपाल में अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों का मुद्दा गंभीर है?
सारांश
Key Takeaways
- अवैध बांग्लादेशी अप्रवासी भोपाल में समस्या बन गए हैं।
- स्थानीय अनुसूचित जाति के श्रमिकों को रोजगार का संकट।
- एनएचआरसी ने पुलिस को नोटिस जारी किया है।
- कानून-व्यवस्था की रक्षा के लिए संवेदनशीलता आवश्यक है।
- बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए।
भोपाल, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने भोपाल में अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से आए अवैध अप्रवासियों को भोपाल में लाया गया है और उन्हें पशु वध तथा हलाल प्रोसेसिंग के कार्यों में लगाया जा रहा है।
इस स्थिति के कारण स्थानीय अनुसूचित जाति के श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल रहा है, जो लंबे समय से अपनी आजीविका के लिए इसी काम पर निर्भर हैं।
प्रियंक कानूनगो ने राष्ट्र प्रेस से कहा कि इस स्थिति के कारण स्थानीय श्रमिकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। इस मुद्दे पर भोपाल पुलिस को पहले ही नोटिस जारी किया गया था, लेकिन पुलिस का जवाब संतोषजनक नहीं था। पुलिस ने कहा कि वेरिफिकेशन की प्रक्रिया तब ही शुरू होगी जब नगर निगम की ओर से आवेदन किया जाएगा।
एनएचआरसी सदस्य ने इस रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि भोपाल जैसे बड़े शहर में यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति रह रहा है और आयोग इस बारे में जानकारी दे रहा है, तो केवल एक औपचारिक बयान देकर जिम्मेदारी से नहीं बचा जा सकता।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस को पूरी जानकारी इकट्ठा करनी चाहिए और मामले की गंभीरता से जांच करनी चाहिए।
प्रियंक कानूनगो ने कहा कि यदि कोई संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से भोपाल में प्रवेश कर रहा है या रह रहा है, तो उसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में भोपाल पुलिस को दोबारा नोटिस जारी किया गया है और अब आयोग उनके विस्तृत और ठोस जवाब की प्रतीक्षा कर रहा है।
एनएचआरसी का कहना है कि इस तरह के मामलों में संवेदनशीलता और तत्परता बेहद जरूरी है ताकि कानून-व्यवस्था के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों के अधिकारों की भी रक्षा की जा सके।