क्या लिंचिंग से बड़ा कोई अपराध हो सकता है? बांग्लादेश की स्थिति पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी
सारांश
Key Takeaways
- लिंचिंग से बड़ा कोई अन्याय नहीं हो सकता।
- बांग्लादेश की सरकार को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
- हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार की निंदा की गई है।
- मुगलों और अंग्रेजों के मुद्दे पर ऐतिहासिक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
- हम सभी को लिंचिंग के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में वर्तमान परिदृश्य और वहां हिंदुओं की लिंचिंग पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि लिंचिंग से बड़ा कोई अन्याय नहीं हो सकता।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो घटनाएं हो रही हैं, उनकी जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है। यदि किसी को धर्म या किसी अन्य कारण से गैर-कानूनी तरीके से मारा जाता है, तो यह एक अत्याचार है। लिंचिंग से बड़ा कोई अन्याय नहीं हो सकता। सिर्फ इसलिए किसी निर्दोष को मार देना कि वह दूसरे धर्म का है, यह एक गंभीर अपराध है। लिंचिंग चाहे भारत में हो या बांग्लादेश में, इसके खिलाफ हमें एकजुट होना चाहिए। लिंचिंग करने से पूरी दुनिया में बदनामी होती है। बांग्लादेश में जो घटनाएं हो रही हैं, उसके लिए वहां की सरकार जिम्मेदार है।
औरंगजेब द्वारा हिंदुओं पर धार्मिक तीर्थयात्राओं के लिए जजिया लगाने के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि जजिया एक अलग विषय है। कर लेना एक बात है, लेकिन किसी की जान लेना दूसरी बात है। लिंचिंग एक अलग मामला है। लोगों के साथ ऐसा बर्ताव करना कि उनकी जिंदगी असहनीय हो जाए, यह पूरी तरह से अलग बात है। लेकिन आज सवाल यह है कि मुगलों का आज कोई मतलब नहीं है, तो देश में बार-बार मुगलों से संबंधित मुद्दा क्यों उठाया जा रहा है? मुगलों के बारे में चर्चा होती है, लेकिन अंग्रेजों के बारे में क्यों नहीं कहा जाता कि वे जालिम थे, जिन्होंने लाखों भारतीयों को मारा? जलियांवाला बाग इसका एक उदाहरण है। बंगाल में लाखों लोगों की लाशें पड़ी रहीं, लेकिन उनकी चर्चा नहीं होती है।
कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव के बयान का समर्थन करते हुए राशिद अल्वी ने कहा कि इतिहास यही बताता है कि ज्यादातर मुगल बादशाह सेक्युलर थे। छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता ने जो कुछ भी कहा है, वह इतिहास के अनुसार है।