क्रिसमस पर क्या असामाजिक तत्वों ने सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की? : मौलाना शहाबुद्दीन रजवी
सारांश
Key Takeaways
- असामाजिक तत्वों का अल्पसंख्यकों पर हमला
- क्रिसमस पर सांप्रदायिक तनाव का बढ़ना
- मौलाना रजवी की चिंता और मांग
- बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति
- शांति और सहिष्णुता की आवश्यकता
बरेली, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एआईटीयूआई के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों से जुड़े संगठनों ने भारत में अल्पसंख्यकों के साथ छेड़छाड़ करने और उन्माद फैलाने का प्रयास किया है।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि उन्होंने देखा कि मस्जिदों के बाहर असामाजिक संगठनों द्वारा ढोल-बाजे बजाए जाते हैं, जिससे हालात बिगड़ते हैं और कई जगहों पर दंगे होते हैं। इसी तरह की स्थिति अब क्रिसमस के दौरान भी देखने को मिली है।
उन्होंने कहा कि क्रिसमस के अवसर पर भी असामाजिक तत्व सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने चर्च के सामने सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाली गतिविधियाँ की हैं। यह भारत और हमारी समाज के लिए अनुकूल नहीं है। ऐसे तत्वों और संगठनों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
रामभद्राचार्य महाराज ने बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर जो कहा, वह मुर्शिदाबाद में बनने वाली हुमायूं कबीर की बाबरी मस्जिद से संबंधित है। अब मस्जिद और मंदिर की चर्चा की बजाय शिक्षा, तरक्की और विकास पर बात होनी चाहिए। इन मुद्दों को अयोध्या से समाप्त कर दिया जाना चाहिए। मंदिर-मस्जिद की चर्चा समाज के लिए सकारात्मक नहीं है। गुजरे हुए समय पर ध्यान केंद्रित करना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद में मस्जिद का निर्माण होना चाहिए, संविधान इसकी अनुमति देता है, लेकिन बाबर के नाम पर मस्जिद का नाम नहीं रखा जाना चाहिए। बाबर मुसलमानों का रहनुमा नहीं था और न ही वह आदर्श था। ऐसे में बाबरी मस्जिद को लेकर नया विवाद खड़ा करना उचित नहीं है। इससे तनाव बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की स्थिति बहुत खराब हो गई है। वहां अफरा-तफरी का माहौल है। अल्पसंख्यक हिंदुओं पर मॉब लिंचिंग, तोड़फोड़ और ज्यादतियाँ हो रही हैं। इस विषय की कई खबरें मीडिया में आ रही हैं। भारत का मुसलमान बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ खड़ा है।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत का मुसलमान अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की निंदा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि मोहम्मद यूनुस कट्टरपंथी संगठनों और पाकिस्तान की आईएसआई के हाथों की कठपुतली बन गए हैं। शेख हसीना के कार्यकाल में वहां काफी शांति थी। उन्होंने किसी पर अत्याचार नहीं होने दिया। मैं प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग करता हूं।