क्या भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 बिलियन डॉलर के करीब पहुंच गया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 698.95 बिलियन डॉलर तक पहुंचा।
- आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा आस्तियां में वृद्धि हुई है।
- सोने की वैल्यू भी बढ़कर 86.32 बिलियन डॉलर हो गई है।
- भू-राजनीतिक तनावों के कारण सोने में निवेश बढ़ा है।
मुंबई, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 13 जून को समाप्त हुए हफ्ते में 2.29 बिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ 698.95 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। यह जानकारी आरबीआई द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों में दी गई।
इस हफ्ते की वृद्धि के साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार अपने ऐतिहासिक उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गया है। फॉरेक्स का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर 704.885 बिलियन डॉलर था, जो सितंबर के अंत में दर्ज किया गया था।
इससे पहले, 6 जून को समाप्त हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 696.66 बिलियन डॉलर था।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, 13 जून को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार के एक प्रमुख घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां की वैल्यू 1.73 बिलियन डॉलर बढ़कर 589.42 बिलियन डॉलर हो गई है।
आरबीआई के अनुसार, इस सप्ताह के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की वैल्यू 428 मिलियन डॉलर से बढ़कर 86.32 बिलियन डॉलर हो गई है। भू-राजनीतिक तनावों के कारण केंद्रीय बैंक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने को जमा कर रहे हैं। आरबीआई ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी को 2021 से लगभग दोगुना कर लिया है।
समीक्षा अवधि के दौरान विशेष आहरण अधिकार की वैल्यू 85 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.76 बिलियन डॉलर हो गई। आईएमएफ के साथ भारत की आरक्षित स्थिति की वैल्यू भी 13 जून को 43 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.45 बिलियन डॉलर हो गई है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने जून की शुरुआत में मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 30 मई को समाप्त हुए सप्ताह में 691.5 बिलियन डॉलर था और यह 11 महीने से अधिक के माल आयात और लगभग 96 प्रतिशत बाहरी लोन को फंड करने के लिए पर्याप्त है।
आरबीआई के गवर्नर ने बताया कि भारत का एक्सटर्नल सेक्टर मजबूत बना हुआ है, क्योंकि इसके प्रमुख संकेतकों में सुधार जारी है। हमें अपनी एक्सटर्नल फंडिंग आवश्यकताओं को पूरा करने का भरोसा है।