क्या सऊदी अरब हादसे में मारे गए लोगों की पहचान करना संभव है?
सारांश
Key Takeaways
- घटना ने भारतीय यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
- ईरानी दूतावास ने संवेदना व्यक्त की है।
- सरकार पीड़ितों के परिवारों के लिए सहायता प्रदान करेगी।
- मृतकों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की आवश्यकता हो सकती है।
- हादसे के समय बस में 46 यात्री सवार थे।
नई दिल्ली/तेहरान, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सऊदी अरब के मदीना में हुई बस दुर्घटना में भारतीय यात्रियों की मृत्यु पर नई दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास ने सोमवार को गहरा शोक व्यक्त किया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ईरानी दूतावास ने लिखा, "नई दिल्ली स्थित इस्लामी गणराज्य ईरान का दूतावास मदीना में भारतीय यात्रियों की मृत्यु पर गहरा दुख जताता है और भारत गणराज्य की सरकार एवं जनता के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है। हम मृतकों की आत्मा की शांति और उनके प्रियजनों के लिए धैर्य एवं शक्ति की प्रार्थना करते हैं।"
हैदराबाद के पुलिस आयुक्त वीसी सज्जनार ने मीडिया को बताया कि हादसे में मोहम्मद अब्दुल शोएब नाम का एक यात्री बच गया है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद से 54 यात्रियों का एक समूह 9 नवंबर को जेद्दा के लिए रवाना हुआ था और उसे 23 नवंबर को लौटना था।
यात्री मक्का में उमराह करने के बाद रविवार रात मदीना के लिए रवाना हुए थे। जब बस मदीना से लगभग 25 किलोमीटर दूर थी, तब एक तेल टैंकर से टकराने के बाद उसमें आग लग गई।
पुलिस आयुक्त ने बताया, "चार यात्री मक्का में ही रुक गए थे, जबकि चार अन्य कार से मदीना के लिए रवाना हो गए थे और हादसे के समय बस में 46 यात्री सवार थे।"
मृतकों में 17 पुरुष, 18 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं। कई यात्री हैदराबाद के आसिफ नगर, झिरा, मेहदीपट्टनम और टोल चौकी इलाकों से थे। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद अजहरुद्दीन ने बताया कि दुर्घटना में 47-48 लोगों की मौत हुई है।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों के परिवारों को जानकारी प्रदान करने के लिए हज हाउस में एक कंट्रोल रूम खोला गया है। सरकार मृतकों के प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति को सऊदी अरब भेजने की व्यवस्था करेगी। अगर यात्रा करने के इच्छुक लोगों के पास पासपोर्ट नहीं हैं, तो सरकार उनके लिए पासपोर्ट की व्यवस्था करेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है। पीड़ितों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट भी कराए जाने की संभावना है।