क्या खरीफ की बुवाई में 4 प्रतिशत की वृद्धि और कृषि जीवीए में 4.5 प्रतिशत का इजाफा संभव है?

सारांश
Key Takeaways
- खरीफ की बुवाई में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- कृषि जीवीए में 4.5 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है।
- बुवाई क्षेत्र में चावल का योगदान महत्वपूर्ण है।
- अच्छे मानसून का असर कृषि पर सकारात्मक है।
- वित्त वर्ष 2026 में जीवीए वृद्धि दर 3.5-4 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कृषि के ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) में वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के दौरान 4.5 प्रतिशत का इजाफा होने की उम्मीद है, और इस समय खरीफ की बुवाई में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण मानसून का समय पर आना है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में प्रस्तुत की गई है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की रिपोर्ट के अनुसार, अच्छे मानसून के चलते खरीफ की बुवाई सामान्य क्षेत्र के 76 प्रतिशत पर पूरी हो चुकी है, जो जुलाई तक सालाना आधार पर चार प्रतिशत अधिक है।
बुवाई क्षेत्र में बढ़ोतरी का नेतृत्व चावल ने किया है, जिसमें सालाना आधार पर 13.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। दालों की बुवाई में 3.5 प्रतिशत, मोटे अनाज की बुवाई में 3.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और जैव ईंधन की बढ़ती मांग के कारण बुवाई सामान्य क्षेत्र के 108 प्रतिशत पर हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में कृषि जीवीए के 4.5 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है और इस वित्त वर्ष में यह दर 3.5-4 प्रतिशत के बीच रह सकती है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि खरीफ उत्पादन के अच्छे परिणाम की आशा करते हुए, वित्त वर्ष 2026 में कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन की जीवीए वृद्धि दर 3.5-4 प्रतिशत रहने की संभावना है।
चावल, मक्का, बाजरा, ज्वार, सोयाबीन, कपास और कई दालों जैसी खरीफ फसलें मानसून के मौसम में बोई जाती हैं, जबकि मूंग, उड़द और कई सब्जियों जैसी ग्रीष्मकालीन फसलें मार्च से जून की छोटी अवधि के दौरान उगाई जाती हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा अगस्त-सितंबर 2025 के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा की उम्मीद, और मौजूदा तटस्थ अल नीनो, खरीफ फसलों की बुवाई के लिए अनुकूल संकेत देते हैं।
जुलाई 2025 में पूरे देश में वर्षा सामान्य से अधिक 105 प्रतिशत पर रही है, हालांकि यह आईएमडी के पूर्वानुमान से कम थी। अनुमानों के अनुसार, अगस्त से सितंबर 2025 के बीच वर्षा सामान्य के 106 प्रतिशत से अधिक रहने की संभावना है।