क्या मेघालय में सीएम संगमा ने भूमि विवादों का समाधान किया?
सारांश
Key Takeaways
- दीर्घकालिक लीज समझौते से भूमि विवादों का समाधान होगा।
- सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण की चुनौतियों का समाधान।
- निवासियों को कानूनी अधिकार और सुरक्षा मिलेगी।
- सरकार और जनता के बीच संतुलन बनाए रखना।
- विकास के लिए योजनाबद्ध दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
शिलॉन्ग, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने शुक्रवार को तूरा के आठ क्षेत्रों के निवासियों को दीर्घकालिक लीज समझौतों के तहत भूमि पट्टे प्रदान किए। यह कदम जनता और जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (जीएडी) के बीच दशकों से चले आ रहे भूमि विवादों को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
तूरा में वर्षों से सरकारी भूमि और कार्यालय परिसरों पर अतिक्रमण के कारण कई कानूनी मामले, बेदखली के अभियान और कानून-व्यवस्था की चुनौतियाँ उत्पन्न होती रहीं।
मुख्यमंत्री संगमा ने बताया कि यह निर्णय विस्तृत अध्ययन के बाद लिया गया है और इसे विलियमनगर में पहले से लागू किए गए सफल मॉडल के आधार पर तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा, “कई वर्षों से सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण के कारण कानूनी और सामाजिक जटिलताएँ उत्पन्न हो रही थीं। विलियमनगर मॉडल को ध्यान में रखते हुए हमने इन मुद्दों को दीर्घकालिक लीज के माध्यम से हल करने का निर्णय लिया।”
नई व्यवस्था के अंतर्गत, भूमि सरकारी राजस्व भूमि बनी रहेगी और स्वामित्व राज्य के पास रहेगा। हालांकि, जिन परिवारों ने इन भूमियों पर लंबे समय से निवास किया है, उन्हें पारदर्शी और निश्चित मानदंडों के आधार पर लीज प्रदान की जाएगी, जिससे उन्हें कानूनी स्पष्टता और सुरक्षित अधिकार मिल सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम सरकारी जिम्मेदारी और जनहित के बीच संतुलन बनाने में मदद करेगा और भविष्य में विवादों को रोकने में सहायक होगा।
उन्होंने बताया कि पहले चरण में केवल उन्हीं क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिन्होंने स्वेच्छा से इस प्रक्रिया में भाग लेने पर सहमति दी है। पिछले दो वर्षों में इन क्षेत्रों में व्यापक सर्वेक्षण, ड्रोन मैपिंग, डिजिटल आकलन और सार्वजनिक सुनवाई की गई है, ताकि प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और दस्तावेज़ आधारित हो।
संगमा ने कहा कि कोई भी क्षेत्र इस प्रक्रिया के लिए बाध्य नहीं होगा। जिन क्षेत्रों में अभी सहमति नहीं बनी है, उन्हें सहमति बनने पर दूसरे चरण में शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इसे सुव्यवस्थित शहरी विकास की दिशा में “महत्वपूर्ण कदम” बताकर कहा कि इस नियमितीकरण से तूरा में योजनाबद्ध विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और वर्षों से चल रहे सरकारी और जनता के बीच प्रशासनिक तनाव को कम करेगा।