क्या एनएसए अजीत डोभाल मॉस्को में भारत-रूस रक्षा सहयोग पर चर्चा करेंगे?

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क्या एनएसए अजीत डोभाल मॉस्को में भारत-रूस रक्षा सहयोग पर चर्चा करेंगे?

सारांश

बुधवार को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की मॉस्को यात्रा से सुरक्षा सहयोग में नई दिशा की उम्मीद है। अमेरिकी राष्ट्रपति की टैरिफ धमकी के बीच, यह यात्रा महत्वपूर्ण है। जानें, इस यात्रा की पृष्ठभूमि और संभावित परिणाम।

Key Takeaways

  • अजीत डोभाल की मॉस्को यात्रा महत्वपूर्ण है।
  • भारत-रूस रक्षा सहयोग पर चर्चा होगी।
  • अमेरिका की टैरिफ धमकी पर भी बातचीत।
  • भू-राजनीतिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • डोभाल रक्षा उद्योग सहयोग पर चर्चा कर सकते हैं।

नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल बुधवार को मॉस्को में वरिष्ठ रूसी अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और भारत-रूस रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग पर चर्चा करेंगे।

यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वह रूस से नई दिल्ली द्वारा तेल खरीद के कारण भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ में और वृद्धि की घोषणा करेंगे।

ट्रंप ने नई दिल्ली पर सस्ता रूसी तेल खरीदकर और उसे 'बड़े मुनाफे' पर बेचकर रूस को आर्थिक तौर पर मदद देने का आरोप लगाया है।

अजीत डोभाल की मॉस्को यात्रा के दौरान भारत-रूस रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा करने के अलावा, तेल मुद्दे और आगामी मोदी-पुतिन शिखर सम्मेलन पर भी बातचीत करेंगे।

मॉस्को में मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भू-राजनीतिक स्थिति में वर्तमान तनाव और भारत को रूसी तेल की आपूर्ति से संबंधित मामलों पर भी चर्चा की जाएगी।

यह यात्रा पहले से नियोजित कार्यक्रम का हिस्सा है और भारत और रूस के बीच सहयोग पर केंद्रित होगी।

डोभाल रक्षा उद्योग सहयोग पर भी बातचीत कर सकते हैं।

रिपोर्टों के अनुसार, एस-400 मिसाइल प्रणालियों की संभावित खरीद, भारत में रखरखाव संबंधी बुनियादी ढांचा स्थापित करना और रूस के एसयू-57 लड़ाकू विमानों को प्राप्त करने के विकल्पों की खोज शामिल हो सकती है।

इससे पहले, सोमवार को, विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर भारत द्वारा रूसी तेल आयात पर अमेरिका और यूरोपीय संघ की आलोचना को अनुचित बताया।

विदेश मंत्री जयशंकर ने भी सोमवार को टैरिफ की धमकी की अप्रत्यक्ष आलोचना करते हुए ट्रंप का जिक्र किए बिना कहा, "हम जटिल और अनिश्चित समय में जी रहे हैं। हमारी सामूहिक इच्छा एक निष्पक्ष और प्रतिनिधित्वपूर्ण वैश्विक व्यवस्था देखना है, न कि कुछ लोगों के प्रभुत्व वाली।"

विदेश मंत्रालय ने कहा, "किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।"

विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और यूरोपीय संघ के दोहरे मापदंड पर कहा था कि यूरोपीय संघ का रूस के साथ व्यापार 67.5 अरब डॉलर का है। वहीं, वाशिंगटन यूरेनियम, पैलेडियम, उर्वरक और अन्य रसायन की खरीद मास्को से कर रहा है।

Point of View

भारत को अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए दृढ़ रहना होगा। अमेरिका की धमकियों के बावजूद, भारत को अपनी रणनीतिक साझेदारियों को मजबूत करना चाहिए। यह यात्रा न केवल सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत-रूस संबंधों की गहराई को भी दर्शाती है।
NationPress
06/08/2025

Frequently Asked Questions

अजीत डोभाल की मॉस्को यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
अजीत डोभाल की मॉस्को यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत-रूस सुरक्षा सहयोग और तेल मुद्दों पर चर्चा करना है।
क्या अमेरिका की टैरिफ धमकी भारत को प्रभावित करेगी?
हाँ, अमेरिका की टैरिफ धमकी भारत की आर्थिक नीतियों पर प्रभाव डाल सकती है, विशेषकर रूस से तेल आयात के संदर्भ में।
भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग का महत्व क्या है?
भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करता है।