क्या बीएमसी की 32 सीटों पर कड़ा मुकाबला होगा?

Click to start listening
क्या बीएमसी की 32 सीटों पर कड़ा मुकाबला होगा?

सारांश

बीएमसी चुनावों में 32 सीटों पर भाजपा-शिवसेना गठबंधन और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी)-मनसे गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है। क्या यह चुनावी लहर उन्हें विजय दिलाएगी? जानें इस खबर में।

Key Takeaways

  • बीएमसी चुनाव में 32 सीटों पर कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है।
  • भाजपा और शिवसेना गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है।
  • वीबीए केवल कुछ सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
  • कांग्रेस ने अब तक 143 उम्मीदवारों की घोषणा की है।
  • चुनाव 15 जनवरी को होंगे।

मुंबई, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की 227 सीटों में से लगभग 32 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना का गठबंधन, तथा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच सीधा और कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। इन सीटों पर किसी मजबूत तीसरे मोर्चे के उम्मीदवार के मैदान में न उतरने की संभावना जताई जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे के तहत, मुंबई में मिली 62 सीटों में से 21 सीटों पर प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) को उम्मीदवार तय करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि वीबीए केवल संख्या पूरी करने के लिए कमजोर उम्मीदवार उतारना नहीं चाहती थी, जबकि कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के दस्तावेज अधूरे होने जैसी समस्याएं भी सामने आईं।

इन परिस्थितियों को देखते हुए, वीबीए ने मंगलवार सुबह कांग्रेस को सूचित किया कि वह उन 21 सीटों में से केवल पांच पर ही चुनाव लड़ेगी। शेष 16 सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार उतारने के लिए स्वतंत्र होगी। कांग्रेस अब तक मुंबई में आधिकारिक तौर पर 143 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। वीबीए के 46 सीटों पर चुनाव लड़ने और वाम दलों व राष्ट्रीय समाज पार्टी (आरएसपी) जैसे अन्य सहयोगियों को छह सीटें दिए जाने के बाद, कांग्रेस-नेतृत्व वाला गठबंधन कुल 195 सीटों पर मैदान में है।

इस स्थिति के चलते शेष 32 सीटों पर विपक्षी वोटों के बंटने की संभावना नहीं है। शिवसेना (यूबीटी) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “इसका फायदा ठाकरे खेमे को मिल सकता है, क्योंकि इन सीटों पर भाजपा विरोधी वोटों का विभाजन नहीं होगा।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि नामांकन पत्रों की जांच के बाद ही तस्वीर पूरी तरह साफ होगी।

इस बीच, कांग्रेस और वंचित बहुजन आघाड़ी दोनों ने बुधवार को मुंबई में गठबंधन के भीतर दरार की खबरों को खारिज कर दिया। वीबीए कोटे की 16 सीटों पर उसके चुनाव न लड़ने को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। मुंबई कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि सहयोगी दलों के बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है।

उन्होंने कहा, “गठबंधन की घोषणा के बाद से ही सत्तारूढ़ पक्ष कमजोर पड़ता जा रहा है। हमारे बीच कोई विवाद नहीं है। हमारे कार्यकर्ता और नेता लगातार संपर्क में हैं।”

वीबीए ने भी इन खबरों को सत्तारूढ़ दलों द्वारा फैलाया गया भ्रम बताया। पार्टी प्रवक्ता सिद्धार्थ मोकले ने कहा, “कांग्रेस को पहले ही बता दिया गया था कि वीबीए उन 16 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी। कांग्रेस ने उसी अनुसार कदम उठाए हैं। नामांकन की जांच पूरी होने के बाद सच्चाई सभी के सामने आ जाएगी।”

15 जनवरी को होने वाले बीएमसी चुनावों में भाजपा 137 सीटों पर और शिवसेना 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। दूसरी ओर, शिवसेना (यूबीटी) 163 सीटों पर, मनसे 53 सीटों पर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) 11 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम इस चुनावी परिदृश्य पर ध्यान दें। बीएमसी चुनावों में एक कड़ा मुकाबला हो रहा है, जो न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय राजनीति को भी प्रभावित करेगा।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

बीएमसी चुनावों में कौन-कौन सी पार्टियाँ भाग ले रही हैं?
भाजपा, शिवसेना, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) मुख्य पार्टियाँ हैं।
कब होंगे बीएमसी चुनाव?
बीएमसी चुनाव 15 जनवरी को होंगे।
क्या तीसरे मोर्चे का कोई उम्मीदवार है?
इन सीटों पर किसी मजबूत तीसरे मोर्चे के उम्मीदवार के मैदान में न उतरने की संभावना है।
Nation Press