क्या मनोज पांडियन ने डीएमके में शामिल होकर विधायक पद से इस्तीफा देने की घोषणा की?

Click to start listening
क्या मनोज पांडियन ने डीएमके में शामिल होकर विधायक पद से इस्तीफा देने की घोषणा की?

सारांश

तमिलनाडु के अलंगुलम विधायक मनोज पांडियन ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की उपस्थिति में डीएमके में शामिल होने की घोषणा की। इस निर्णय के साथ ही उन्होंने अपने विधायक पद से इस्तीफे का भी ऐलान किया है, जो कि राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

Key Takeaways

  • मनोज पांडियन ने डीएमके में शामिल होकर विधायक पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
  • इस निर्णय को उन्होंने अपने सिद्धांतों और विचारधारा के लिए बताया।
  • पांडियन का यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों में डीएमके के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
  • उनका कहना है कि अन्नाद्रमुक अब स्वतंत्र नहीं रही।
  • मुख्यमंत्री स्टालिन ने उनका स्वागत किया।

चेन्नई, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु में पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के समर्थक, अलंगुलम विधायक मनोज पांडियन, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की उपस्थिति में सत्तारूढ़ डीएमके में शामिल हो गए हैं।

डीएमके में शामिल होने के तुरंत बाद, पांडियन ने यह जानकारी दी कि वह मंगलवार की शाम को अपने विधायक पद से इस्तीफा देने का निर्णय ले लिया है।

तमिलनाडु विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष बीएच पांडियन के बेटे मनोज पांडियन 2017 में वीके शशिकला के खिलाफ विद्रोह के समय ओ. पन्नीरसेल्वम के समर्थन में खड़े होने वाले प्रमुख नेताओं में से एक थे।

एआईएडीएमके से निष्कासित होने के बावजूद, पांडियन पन्नीरसेल्वम के करीबी सहयोगी बने रहे और कई राजनीतिक संघर्षों में उनके साथ खड़े रहे।

डीएमके में शामिल होने के बाद मीडिया से बात करते हुए पांडियन ने कहा कि उनका यह निर्णय तमिलनाडु के वर्तमान राजनीतिक माहौल और उनके व्यक्तिगत मूल्यों पर गहन चिंतन के बाद लिया गया है।

उन्होंने कहा, "मैंने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व पर गंभीरता से विचार करते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। एक ऐसे नेता जो द्रविड़ विचारधारा को बनाए रखते हैं, चुनौतियों का डटकर सामना करते हैं और बिना किसी समझौते के प्रगति की ओर बढ़ते हैं। मुझे विश्वास है कि उनमें सामाजिक न्याय और समावेशी शासन का अद्भुत संचार है।"

अपने इस्तीफे के बारे में बताते हुए पांडियन ने कहा, "मैं आज शाम अपने विधायक पद से इस्तीफा दे रहा हूं। यह निर्णय मेरे परिवार या व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं है। यह सिद्धांतों और विचारधारा के लिए है। मैं एक ऐसे आंदोलन का हिस्सा बन गया हूं, जो प्रगतिशील मूल्यों और जन कल्याण के लिए खड़ा है।"

पांडियन ने अपनी पूर्व पार्टी, अन्नाद्रमुक पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण दौर से गुजर रही है।

उन्होंने कहा, "अन्नाद्रमुक अब स्वतंत्र नहीं रह गई है। यह किसी अन्य संगठन के अधीन हो गई है और बाहरी निर्देशों का पालन कर रही है। यह वह विरासत नहीं है जिसकी कल्पना एमजीआर या जयललिता ने की थी।"

मुख्यमंत्री स्टालिन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, पांडियन ने कहा कि द्रमुक नेता ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया है।

पांडियन के इस कदम से 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले दक्षिणी तमिलनाडु में द्रमुक का प्रभाव और भी मजबूत होने की संभावना है।

Point of View

दर्शाता है कि राजनीतिक साजिशें और विचारधाराएं कितनी तेजी से बदल सकती हैं। यह कदम न केवल पांडियन के लिए, बल्कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दल के लिए भी एक नई दिशा का संकेत देता है।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

मनोज पांडियन ने डीएमके में शामिल होने का निर्णय क्यों लिया?
मनोज पांडियन ने कहा कि यह निर्णय उनके व्यक्तिगत मूल्यों और तमिलनाडु के राजनीतिक माहौल पर गहराई से सोचने के बाद लिया गया है।
क्या मनोज पांडियन का इस्तीफा राजनीतिक प्रभाव डालेगा?
पांडियन का इस्तीफा आगामी विधानसभा चुनावों में डीएमके के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।