क्या द्रौपदी मुर्मू का अफ्रीका दौरा है खास? जानें अंगोला और बोत्सवाना की यात्रा के महत्व

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क्या द्रौपदी मुर्मू का अफ्रीका दौरा है खास? जानें अंगोला और बोत्सवाना की यात्रा के महत्व

सारांश

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अफ्रीका दौरा न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि यह भारत और अफ्रीका के बीच संबंधों को और मजबूत करने का अवसर भी है। जानिए इस यात्रा के महत्व और उद्देश्यों के बारे में।

Key Takeaways

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अफ्रीका दौरा 8 से 13 नवंबर तक है।
  • यह अंगोला और बोत्सवाना के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करेगा।
  • दौरे के दौरान द्विपक्षीय वार्ता और महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भागीदारी होगी।
  • भारत और अफ्रीका के बीच संबंध लगातार गहरे हो रहे हैं।
  • यह यात्रा ऐतिहासिक मानी जा रही है।

नई दिल्ली, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज से अफ्रीका के दौरे पर निकल रही हैं। वह शनिवार को अंगोला और बोत्सवाना की छह दिवसीय राजकीय यात्रा पर जाएंगी। इस यात्रा को कई दृष्टिकोण से विशेष माना जा रहा है।

यह यात्रा 8 से 13 नवंबर तक चलेगी और यह किसी भारतीय राष्ट्रपति की दोनों देशों की पहली यात्रा होगी, इसलिए इसे ऐतिहासिक माना जा रहा है।

इस दौरे के दौरान राष्ट्रपति अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी। इसके अलावा, वह दोनों देशों की संसदों को भी संबोधित करेंगी और विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेंगी। साथ ही, वह लुआंडा और गबोरोन में प्रवासी भारतीयों से भी बातचीत करेंगी।

विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) सुधाकर दलेला ने बताया, "राष्ट्रपति 8 से 13 नवंबर तक अंगोला और बोत्सवाना की राजकीय यात्रा पर रहेंगी। यह किसी भारतीय राष्ट्रपति की अंगोला और बोत्सवाना की पहली यात्रा होगी।"

विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारत और अफ्रीका के बीच संबंध लगातार गहरे हो रहे हैं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक, व्यापार, आर्थिक और विकास साझेदारी जैसे क्षेत्रों में संबंध मजबूत हो रहे हैं।

सचिव दलेला ने कहा कि भारत की अफ्रीका नीति 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 10 सिद्धांतों पर आधारित है। भारत-अफ्रीका फोरम समिट सहयोग के लिए एक व्यापक रूपरेखा के रूप में कार्य करता है।

अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लौरेंको ने मई में भारत का दौरा किया था और उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू को अंगोला की 50वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ के समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया था। इसी निमंत्रण पर राष्ट्रपति मुर्मू 8 से 11 नवंबर तक वहां यात्रा करेंगी।

इस वर्ष भारत और अंगोला राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। अंगोला के राष्ट्रपति इस समय अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष हैं, इसलिए राष्ट्रपति की यात्रा अत्यंत महत्वपूर्ण है।

अंगोला के बाद, 11 से 13 नवंबर तक राष्ट्रपति मुर्मू राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको के निमंत्रण पर बोत्सवाना की यात्रा करेंगी। यह यात्रा भारत की बोत्सवाना के साथ दीर्घकालिक संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोत्सवाना में राष्ट्रीय सभा को संबोधित करेंगी, गणमान्य व्यक्तियों से मुलाकात करेंगी और प्रौद्योगिकी, फार्मास्यूटिकल्स, ऊर्जा और कृषि में सहयोग के अवसरों पर चर्चा करेंगी। विदेश मंत्रालय ने प्रोजेक्ट चीता के तहत भारत के सहयोग के बारे में कहा कि बोत्सवाना से चीतों के ट्रांसलोकेशन पर चर्चा प्रगति पर है।

Point of View

बल्कि यह दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने का भी अवसर है।
NationPress
08/11/2025

Frequently Asked Questions

द्रौपदी मुर्मू का अफ्रीका दौरा कब शुरू हुआ?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अफ्रीका दौरा 8 नवंबर से शुरू हुआ है।
राष्ट्रपति मुर्मू किस देशों की यात्रा कर रही हैं?
राष्ट्रपति मुर्मू अंगोला और बोत्सवाना की यात्रा कर रही हैं।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और अफ्रीका के बीच संबंधों को मजबूत करना और द्विपक्षीय वार्ता करना है।
राष्ट्रपति मुर्मू कब वापस आएंगी?
राष्ट्रपति मुर्मू 13 नवंबर को वापस आएंगी।
क्या यह यात्रा ऐतिहासिक है?
जी हां, यह यात्रा किसी भारतीय राष्ट्रपति की अंगोला और बोत्सवाना की पहली यात्रा है, इसलिए इसे ऐतिहासिक माना जा रहा है।