क्या भारतीय अर्थव्यवस्था अनुमान से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है?

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क्या भारतीय अर्थव्यवस्था अनुमान से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है?

सारांश

नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अर्थशास्त्रियों और उद्योग के लिए महत्वपूर्ण समाचार आ रहा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जीडीपी आंकड़ों के जारी होने की उम्मीद है, जो संभावित रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत दे सकते हैं। जानिए इस रिपोर्ट के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत की जीडीपी अनुमान से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।
  • मजबूत घरेलू मांग और मुद्रास्फीति में कमी सकारात्मक संकेत दे रही है।
  • एसबीआई रिपोर्ट में 50 प्रमुख संकेतकों की निगरानी की जा रही है।
  • अवधि के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.5-8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
  • अस्थिर वैश्विक वस्त्र बाजार का ध्यान रखना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अर्थशास्त्रियों और उद्योग के विशेषज्ञ शुक्रवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों के जारी होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस बीच एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि अमेरिकी टैरिफ और कमजोर वैश्विक संकेतों के बावजूद सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी 7 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ सकती है।

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ आई थी और विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार भी भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत प्रदर्शन कर सकती है।

मजबूत घरेलू मांग और मुद्रास्फीति के कम दबाव ने भारत के मैक्रोइकोनॉमिक आउटलुक के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा है।

एसबीआई की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत निवेश गतिविधियां, ग्रामीण उपभोग में सुधार और सेवा तथा मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्रों में उन्नति विकास को गति देंगी।

जीएसटी 2.0 सुधार को निजी उपभोग और घरेलू मांग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

एसबीआई रिपोर्ट के अनुसार, हम उपभोग और मांग, कृषि, उद्योग, सेवा और अन्य 50 प्रमुख संकेतकों का अवलोकन कर रहे हैं, जो चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में विकास में बढ़ोतरी का संकेत दे रहे हैं। तेजी के संकेत देने वाले संकेतकों की संख्या पहली तिमाही के 70 प्रतिशत से बढ़कर दूसरी तिमाही के लिए 83 प्रतिशत हो गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "अनुमानित मॉडल के आधार पर हम चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.5-8 प्रतिशत (ग्रॉस वैल्यू एडेड 8 प्रतिशत) रहने की अपेक्षा करते हैं।"

हालांकि, अस्थिर वैश्विक वस्त्र बाजार और व्यापार व्यवधानों के कारण जोखिम भी बना हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत का अल्पावधि आउटलुक मजबूत बना हुआ है, जिसमें मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता लगातार मध्यावधि वृद्धि का समर्थन कर रही है।

इसके अलावा, केयरएज इकोनॉमिक मीटर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शा रहा है, जो पहली तिमाही में थोड़ी अधिक 3.3 प्रतिशत की वृद्धि का संकेत दे रहा है।

Point of View

मैं यह कह सकता हूं कि भारतीय अर्थव्यवस्था का वर्तमान प्रदर्शन, आने वाले जीडीपी आंकड़ों के साथ, हमें सकारात्मक संकेत दे सकता है। हमें घरेलू मांग और निवेश गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना होगा, ताकि हम स्थायी विकास की दिशा में आगे बढ़ सकें।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में सुधार हो रहा है?
हाँ, रिपोर्टों के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में सुधार हो रहा है, जो घरेलू मांग और निवेश गतिविधियों के कारण हो रहा है।
क्या वैश्विक बाजारों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है?
जी हाँ, वैश्विक बाजारों की अस्थिरता का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है, लेकिन घरेलू कारक भी महत्वपूर्ण हैं।
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