क्या राजस्थान हाईकोर्ट को एक बार फिर बम से उड़ाने की धमकी मिली?
सारांश
Key Takeaways
- राजस्थान हाईकोर्ट को मिली बार-बार धमकियां सुरक्षा पर सवाल उठाती हैं।
- बम निरोधक दस्ते ने गहन जांच की, लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
- सुरक्षा एजेंसियां निगरानी और जांच को बढ़ा रही हैं।
- न्यायिक कार्यवाही में लगातार विघ्न
- जनता से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें।
जयपुर, १० दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान हाईकोर्ट को बुधवार को एक बार फिर bम से उड़ाने की धमकी प्राप्त हुई है। यह दो दिनों में दूसरी और पिछले छह हफ्तों में पांचवीं धमकी है।
सूत्रों के अनुसार, ईमेल के माध्यम से धमकी मिलने के बाद एक बार फिर हड़कंप मच गया, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड में आ गईं। बम निरोधक दस्ते और खोजी दस्ते की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और पूरे परिसर की गहनता से जांच की।
एक अधिकारी ने बताया कि अलर्ट मिलने के बाद जांच एजेंसियों ने सुबह ८ बजे से विस्तृत तलाशी अभियान चलाया।
बम निरोधक दस्ते और खोजी दस्ते ने दो घंटे तक चले अभियान के दौरान सत्यमेव जयते भवन, पार्किंग क्षेत्र, रिकॉर्ड रूम और परिसर के अन्य हिस्सों का गहन निरीक्षण किया।
हालांकि, गहन तलाशी के बाद भी कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
हाईकोर्ट परिसर को पूरी तरह सुरक्षित घोषित कर दिया गया और सुबह ११:३० बजे न्यायिक कार्यवाही फिर से शुरू हो गई।
इस बीच, बम की धमकियां ऐसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण समय पर आई हैं, जब राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव गुरुवार यानी ११ दिसंबर को होने वाले हैं।
अदालत को ३१ अक्टूबर और ५ दिसंबर को भी इसी तरह के धमकी भरे ईमेल मिले थे, जिसके बाद ८ और ९ दिसंबर को दो और ईमेल आए।
इन बार-बार आने वाले फर्जी संदेशों ने मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रतिक्रिया तंत्र की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
लगातार मिल रही धमकियों के कारण न्यायिक कामकाज बार-बार बाधित हुआ है, जिससे लोगों को बाहर निकालना पड़ा है और मामलों की सुनवाई में देरी हुई है। मंगलवार और बुधवार दोनों दिन, अलर्ट मिलते ही अदालत परिसर को तुरंत खाली करा लिया गया। वकीलों, अदालत के कर्मचारियों और मुवक्किलों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और सभी कार्यवाही अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई।
कोई विस्फोटक उपकरण न मिलने के कारण, बुधवार की धमकी को भी फर्जी बताया गया है।
मामले को आगे की जांच और तकनीकी विश्लेषण के लिए साइबर सेल को सौंप दिया गया है।
सुरक्षा एजेंसियां निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने, प्रवेश द्वारों पर कड़ी जांच करने और हाई कोर्ट परिसर में समग्र सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। अधिकारियों ने जनता से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने की अपील की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।