क्या आरबीआई मृतकों के बैंक खातों से धन प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाएगा?

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क्या आरबीआई मृतकों के बैंक खातों से धन प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाएगा?

सारांश

आरबीआई ने मृतक ग्राहकों के खातों से धन प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाने की घोषणा की है। यह कदम परिवारों को उनके देय धन और वस्तुओं तक पहुंचने में मदद करेगा। जानें इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से।

Key Takeaways

  • दावों के निपटान की प्रक्रिया को मानकीकृत किया जाएगा।
  • मृतक ग्राहकों के परिवारों को सुविधा मिलेगी।
  • आरबीआई का महत्वपूर्ण निर्णय
  • टी-बिलों में निवेश के लिए नई सुविधा।
  • सरकारी प्रतिभूतियों में खरीद और बिक्री की अनुमति।

मुंबई, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को यह घोषणा की है कि वह बैंकों के मृत ग्राहकों के जमा खातों से जुड़े दावों के निपटान की प्रक्रिया को मानकीकृत और सरल बनाने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य यह है कि मृत ग्राहक के परिवारों को उनके देय धन या मूल्यवान वस्तुओं के लिए किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

वर्तमान में, मृतक ग्राहकों से संबंधित दावों का निपटान विभिन्न बैंकों में भिन्नता के साथ होता है।

आरबीआई ने कहा कि इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए सभी बैंकों में इसे सुव्यवस्थित और मानकीकृत किया जाएगा।

आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, "हम मृतक ग्राहकों के बैंक खातों और सुरक्षित अभिरक्षा में रखी वस्तुओं से संबंधित दावों के निपटान की प्रक्रिया को मानकीकृत करेंगे। इससे निपटान अधिक सुविधाजनक और सरल होगा।"

आरबीआई ने बताया कि इस संबंध में एक ड्राफ्ट सर्कुलर जल्द ही सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया जाएगा।

बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत, जमा खातों, सुरक्षित अभिरक्षा में रखी वस्तुओं या सुरक्षित जमा लॉकरों के संबंध में नामांकन की सुविधा उपलब्ध है।

इसका मुख्य उद्देश्य ग्राहक की मृत्यु होने के बाद दावों का शीघ्र निपटान, वस्तुओं की वापसी या सुरक्षित जमा लॉकर की सामग्री की रिहाई को आसान बनाना है, ताकि परिवार के सदस्यों को कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

वर्तमान निर्देशों के अनुसार, बैंकों को उत्तरजीवी, नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारियों द्वारा किए गए दावों के शीघ्र और परेशानी रहित निपटान के लिए एक सरल प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता है, लेकिन ये प्रक्रियाएं बैंकों में भिन्न होती हैं।

आरबीआई ने टी-बिलों में निवेश और पुनर्निवेश के लिए रिटेल डायरेक्ट में ऑटो-बिडिंग सुविधा शुरू करने का भी निर्णय लिया है।

आरबीआई के एक बयान के अनुसार, "निवेशकों को अपने निवेश की व्यवस्थित योजना बनाने में सक्षम बनाने के लिए, रिटेल डायरेक्ट में ट्रेजरी बिलों (टी-बिल) के लिए एक स्वचालित बोली-प्रक्रिया सुविधा शुरू की गई है, जिसमें निवेश और पुनर्निवेश दोनों विकल्प शामिल हैं। यह नई सुविधा निवेशकों को टी-बिलों की प्राथमिक नीलामी में बोलियों को स्वचालित रूप से लगाने में मदद करती है।"

रिटेल डायरेक्ट पोर्टल नवंबर 2021 में रिटेल डायरेक्ट योजना के तहत रिजर्व बैंक में खुदरा निवेशकों को अपने गिल्ट अकाउंट खोलने के लिए शुरू किया गया था।

यह योजना खुदरा निवेशकों को प्राथमिक नीलामी में सरकारी प्रतिभूतियां (जी-सेक) खरीदने और सेंकेडरी मार्केट में जी-सेक खरीदने और बेचने की अनुमति देती है।

योजना के शुभारंभ के बाद से उत्पाद और भुगतान विकल्पों के संदर्भ में कई नई सुविधाएं शुरू की गई हैं, जिनमें मई 2024 में एक मोबाइल ऐप का शुभारंभ भी शामिल है।

Point of View

हम मानते हैं कि आरबीआई का यह कदम मृतक ग्राहकों के परिवारों के लिए महत्वपूर्ण है। यह न केवल दावों के निपटान को सरल बनाएगा, बल्कि परिवारों को वित्तीय स्थिरता प्रदान करेगा। हम इस दिशा में और सुधार की उम्मीद करते हैं।
NationPress
06/08/2025

Frequently Asked Questions

आरबीआई ने दावों के निपटान की प्रक्रिया को क्यों सरल बनाया है?
आरबीआई ने मृतक ग्राहकों के परिवारों को उनके देय धन और वस्तुओं के लिए कोई कठिनाई न हो, इसके लिए दावों के निपटान की प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्णय लिया है।
क्या सभी बैंकों में यह प्रक्रिया समान होगी?
हाँ, आरबीआई ने सभी बैंकों में दावों के निपटान की प्रक्रिया को मानकीकृत करने का निर्णय लिया है।
इस प्रक्रिया में क्या बदलाव आएंगे?
इस प्रक्रिया में दावों का निपटान अधिक सुविधाजनक और सरल होगा, जिससे परिवारों को आसानी होगी।
क्या इस प्रक्रिया से परिवारों को वित्तीय सहायता मिलेगी?
हाँ, यह प्रक्रिया परिवारों को उनके देय धन और वस्तुओं तक तेजी से पहुंचने में मदद करेगी।
आरबीआई के अन्य हालिया निर्णय क्या हैं?
आरबीआई ने टी-बिलों के लिए रिटेल डायरेक्ट में ऑटो-बिडिंग सुविधा शुरू करने का भी निर्णय लिया है।