क्या पंजाब के चिड़ियाघर में जानवरों के लिए हीटर और फूस की छत की व्यवस्था की गई है?

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क्या पंजाब के चिड़ियाघर में जानवरों के लिए हीटर और फूस की छत की व्यवस्था की गई है?

सारांश

पंजाब के चिड़ियाघर में जानवरों के लिए ठंड से बचने के विशेष उपाय किए गए हैं। जानें, किस तरह से उन्हें सुरक्षित और आरामदायक वातावरण दिया जा रहा है।

Key Takeaways

  • बाघों और तेंदुओं के लिए हीटर की व्यवस्था की गई है।
  • फूस की छत से जानवरों को बारिश से बचाया जा रहा है।
  • पक्षियों के लिए रेशेदार कपड़े का उपयोग किया गया है।
  • सरीसृपों के लिए विशेष यूवी लैंप लगाए गए हैं।
  • कछुओं के लिए एक्वेरियम वॉटर हीटर उपलब्ध हैं।

चंडीगढ़, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कड़ाके की ठंड में, पंजाब वन एवं वन्यजीव संरक्षण विभाग ने शनिवार को बताया कि छटबीर के महेंद्र चौधरी चिड़ियाघर में जानवरों और पक्षियों के लिए आरामदायक और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने हेतु विशेष कदम उठाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि सभी बाघों, तेंदुओं, शेरों और अन्य जंगली बिल्लियों के नाइट शेल्टर में हीटर और हीट कन्वेक्टर लगाए गए हैं।

सभी खिड़कियों और खुले स्थानों को पॉलीथीन या फाइबर शीट से ढक दिया गया है और फूस की छत बनाई गई है। जानवरों के लिए विशेष तापमान नियंत्रण की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा कि शाकाहारी जानवरों के लिए सभी बाड़ों में तार और रस्सियों की मदद से अस्थायी आश्रय या झोपड़ी बनाई गई है, साथ ही छत में काली तिरपाल लगाई गई है ताकि बारिश में भीतर पानी न जा पाए।

सभी शाकाहारी जानवरों के लिए आरामदायक फर्श के लिए धान की पुआल और गेहूं के छिलके बिछाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि ठंड और सर्दियों की बारिश से बचाने के लिए सभी पक्षी पिंजरों को रेशेदार कपड़ों, जूट की चटाइयों और पॉलीथीन की चादरों से अच्छी तरह ढक दिया गया है। गर्म घोंसले बनाने के लिए सभी पक्षियों को धान का भूसा, गेहूं का छिलका और चावल की भूसी की बिछाई प्रदान की गई है।

वहीं, पक्षी पिंजरों के सामने का आवरण मोड़ने योग्य है ताकि जरूरत पड़ने पर इसे धूप के लिए खोला जा सके। सभी तीतर के पिंजरों को आरामदायक वातावरण प्रदान करने के लिए घास, धान और कन्ना की संरचना से सुसज्जित किया गया है।

इसके साथ ही ऑयल-फिन हीटर लगाए गए हैं जो पिंजरों की प्राकृतिक नमी को प्रभावित नहीं करते हैं। साथ ही, सरीसृपों के सभी पिंजरों में गेहूं का छिलका, सूखे पत्ते और भारी कंबल रखे गए हैं, जो सरीसृपों को आराम प्रदान करते हैं। सरीसृप अनुभाग में विशेष यूवी लैंप लगाए गए हैं। कछुओं के लिए जल परिसंचरण प्रणाली वाले विशेष एक्वेरियम वॉटर हीटर भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

Point of View

खासकर ऐसे समय में जब मौसम अत्यधिक ठंडा हो। पंजाब वन एवं वन्यजीव संरक्षण विभाग द्वारा उठाए गए कदम न केवल जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि हम अपने पर्यावरण और जीवों के प्रति कितने जिम्मेदार हैं।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या चिड़ियाघर में जानवरों को ठंड से बचाने के लिए हीटर लगाए गए हैं?
हाँ, सभी बाघों, तेंदुओं, शेरों और अन्य जंगली बिल्लियों के नाइट शेल्टर में हीटर और हीट कन्वेक्टर लगाए गए हैं।
जानवरों के लिए फूस की छत क्यों बनाई गई है?
फूस की छत बारिश से जानवरों को बचाने के लिए बनाई गई है ताकि पानी अंदर न जा सके।
क्या पक्षियों के लिए भी कोई विशेष व्यवस्था की गई है?
हाँ, पक्षियों के पिंजरों को रेशेदार कपड़ों और जूट की चटाइयों से ढका गया है।
क्या सरीसृपों के लिए भी कोई विशेष प्रबंध हैं?
हाँ, सरीसृपों के पिंजरों में गेहूं का छिलका, सूखे पत्ते और भारी कंबल रखे गए हैं।
चिड़ियाघर में जानवरों के लिए तापमान नियंत्रण कैसे किया गया है?
जानवरों के लिए विशेष तापमान नियंत्रण व्यवस्था की गई है, जिससे उन्हें आरामदायक स्थिति मिल सके।
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