क्या पूर्व एनआईए चीफ सदानंद दाते बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी?

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क्या पूर्व एनआईए चीफ सदानंद दाते बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी?

सारांश

महाराष्ट्र सरकार ने पूर्व एनआईए चीफ सदानंद दाते को राज्य का नया डीजीपी नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं। जानिए उनके कार्यकाल और उपलब्धियों के बारे में।

Key Takeaways

  • सदानंद दाते की नियुक्ति डीजीपी के रूप में हुई है।
  • उनका कार्यकाल दो साल होगा।
  • उनकी भूमिका 26/11 हमलों में महत्वपूर्ण रही है।
  • महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं।
  • वे आईपीएस अधिकारी हैं और राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित हैं।

मुंबई, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को यह घोषणा की है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के पूर्व महानिदेशक सदानंद दाते को दो साल के कार्यकाल के लिए राज्य का पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया गया है।

1990 बैच के इंडियन पुलिस सर्विस (आईपीएस) अधिकारी सदानंद दाते, वर्तमान रश्मि शुक्ला की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 3 जनवरी को समाप्त हो रहा है।

सरकारी आदेश के अनुसार, सदानंद दाते को रिटायरमेंट से पहले दो साल के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया है। वह अगले साल दिसंबर में 60 वर्ष

सदानंद दाते मार्च 2024 तक महाराष्ट्र एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (एटीएस) के प्रमुख थे, जब वह भारत की आतंकवाद विरोधी एजेंसी एनआईए का नेतृत्व करने के लिए नई दिल्ली चले गए थे। राज्य सरकार के अनुरोध पर उन्हें दो हफ्ते पहले महाराष्ट्र वापस भेजा गया था, जो उन्हें राज्य का डीजीपी नियुक्त करना चाहती थी।

वह 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के खिलाफ की गई कार्रवाई में शामिल थे। 26 नवंबर, 2008 को मुंबई आतंकी हमलों के दौरान दाते एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस (सेंट्रल रीजन) के पद पर थे। उन्होंने एक पुलिस टीम का नेतृत्व किया था, जिसने कामा अस्पताल की छत पर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अजमल कसाब और अबू इस्माइल को घेर लिया था और ग्रेनेड के छर्रों से गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्होंने आतंकवादियों का मुकाबला जारी रखा। बाद में उन्हें वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।

सदानंद दाते ने एटीएम में सेवा दी थी और मीरा-भयंदर, वसई-विरार के पहले पुलिस कमिश्नर थे। उन्होंने मुंबई पुलिस में जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (कानून और व्यवस्था) और क्राइम, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) में डीआईजी और सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) में आईजी (ऑपरेशंस) के रूप में भी काम किया।

पुणे यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक ऑफेंस में डॉक्टरेट करने वाले दाते ने ऐसे समय में राज्य के डीजीपी का पद संभाला है, जब स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं। उनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था और उन्होंने अपना बचपन अखबार बेचकर गुजारा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी मां एक घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थीं।

उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की और आईपीएस में शामिल हो गए।

Point of View

खासकर जब सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना है। यह महाराष्ट्र की पुलिस के लिए एक नया अध्याय है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह इस पद पर रहते हुए क्या परिवर्तन लाते हैं।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

सदानंद दाते कौन हैं?
सदानंद दाते एक पूर्व एनआईए चीफ और 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
उनकी नियुक्ति कब हुई?
उन्हें 31 दिसंबर 2023 को महाराष्ट्र का डीजीपी नियुक्त किया गया।
सदानंद दाते ने क्या प्रमुख कार्य किए हैं?
उन्होंने 26/11 हमलों के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और कई प्रमुख पुलिस पदों पर रह चुके हैं।
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