क्या सुप्रीम कोर्ट में शरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत पर सुनवाई होगी?

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क्या सुप्रीम कोर्ट में शरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत पर सुनवाई होगी?

सारांश

आज सुप्रीम कोर्ट में 2020 के दिल्ली दंगों के मामले में चार आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई होने जा रही है। इस मामले में शरजील इमाम, उमर खालिद, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा शामिल हैं। देखते हैं इस सुनवाई का क्या परिणाम होगा।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका की सुनवाई हो रही है।
  • चार आरोपियों पर गंभीर आरोप हैं।
  • दिल्ली दंगों में 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज सुप्रीम कोर्ट 2020 के दिल्ली दंगों के साजिश मामले में चार आरोपियों शरजील इमाम, उमर खालिद, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा।

इन चारों आरोपियों ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सभी पर 2020 के दंगों के मुख्य षड्यंत्रकारियों के रूप में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन वी अंजारिया की पीठ शरजील इमाम, उमर खालिद और गुलफिशा फातिमा की याचिकाओं की सुनवाई करेगी। वहीं, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ मीरान हैदर की जमानत याचिका पर विचार करेगी।

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के संदर्भ में भड़के 2020 के दिल्ली दंगों में 50 से अधिक लोगों की जान गई और सैकड़ों लोग घायल हुए।

दिल्ली पुलिस ने यह आरोप लगाया था कि यह हिंसा एक पूर्व-नियोजित साजिश थी, जिसे सीएए के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान अंजाम दिया गया था।

जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को 28 जनवरी, 2020 को बिहार के जहानाबाद से जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह तब से हिरासत में हैं और बाद में दंगों में उनकी कथित भूमिका के लिए यूएपीए के तहत मामला दर्ज हुआ।

जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने भी यूएपीए मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद 10 सितंबर को सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था। गुलफिशा फातिमा और मीरान हैदर भी यूएपीए के तहत इसी तरह के आरोपों का सामना कर रहे हैं।

आरोपों की गंभीरता और अभियुक्तों की लंबी कैद के कारण इस मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर काफी ध्यान आकर्षित किया है।

Point of View

इस मामले को लेकर हमारी दृष्टि यह है कि न्याय का मार्ग हमेशा निष्पक्ष होना चाहिए। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए, यह आवश्यक है कि न्यायालय देश की कानून व्यवस्था को सशक्त बनाए और सभी पक्षों को उचित अवसर प्रदान करे।
NationPress
12/09/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली दंगों का मुख्य कारण क्या था?
दिल्ली दंगों का मुख्य कारण नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन थे।
शरजील इमाम को कब गिरफ्तार किया गया था?
शरजील इमाम को 28 जनवरी, 2020 को गिरफ्तार किया गया था।