क्या 93 प्रतिशत सीईओ मानते हैं कि भारत के वैश्विक उत्थान में सरकार की भूमिका प्रभावी है?

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क्या 93 प्रतिशत सीईओ मानते हैं कि भारत के वैश्विक उत्थान में सरकार की भूमिका प्रभावी है?

सारांश

एक सर्वेक्षण के अनुसार, 93% सीईओ का मानना है कि भारत के वैश्विक उत्थान में सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है। जानें इस सर्वेक्षण के अन्य रोचक तथ्य और सीईओ की राय।

Key Takeaways

  • 93 प्रतिशत सीईओ ने सरकार की भूमिका को प्रभावी माना है।
  • 92 प्रतिशत का मानना है कि भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत है।
  • 84 प्रतिशत का मानना है कि भारत के सर्वश्रेष्ठ दिन अब भी आने वाले हैं।
  • जलवायु परिवर्तन और डिजिटल नवाचार को ग्लोबल लीडरशिप के लिए महत्वपूर्ण माना गया।
  • नीतियों की अनिश्चितता को लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया है कि 93 प्रतिशत सीईओ का मानना है कि भारत के वैश्विक उत्थान में सरकार की भूमिका प्रभावी है। इसके अलावा, 92 प्रतिशत का मानना है कि भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत बनी हुई है।

एस्ट्रम एडवाइजरी और पब्लिक रिलेशंस कंसल्टेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पीआरसीएआई) के सहयोग से किए गए इस सर्वे में 89 प्रतिशत सीईओ ने भारत की ग्रोथ स्टोरी पर विश्वास जताया है। वहीं, 54 प्रतिशत का कहना है कि भारत अपनी वैश्विक छवि को प्रभावी रूप से आकार दे रहा है।

छह शहरों के 123 सीईओ के विचारों को दर्शाने वाली इस अध्ययन में 84 प्रतिशत का मानना है कि भारत के सबसे अच्छे दिन अभी आने वाले हैं।

यह रिपोर्ट भारत की आर्थिक प्रगति और ग्लोबल लीडरशिप के लिए प्रतिष्ठा को सबसे मूल्यवान करेंसी के रूप में रेखांकित करती है।

निष्कर्षों में यह सामने आया कि सीईओ जलवायु परिवर्तन, भू-राजनीतिक स्थिति, डिजिटल नवाचार और मानव पूंजी को ग्लोबल लीडरशिप के लिए भारत के सबसे बड़े उत्प्रेरक मानते हैं।

सीईओ ने आगाह किया कि नीतिगत अनिश्चितता और एआई से जुड़े जोखिम वैश्विक विश्वास को कमजोर कर सकते हैं।

पूर्व कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, "सार्वजनिक जीवन में प्रतिष्ठा की परीक्षा भाषणों या फोटो खिंचवाने के अवसरों से नहीं, बल्कि कामकाज से होती है। जब एक बच्चा सुपोषित होकर स्कूल पहुंचता है, एक महिला को सुरक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता मिलती है, और एक परिवार शासन में निष्पक्षता देखता है। यही क्षण विश्वास अर्जित करते हैं, जो अंततः भारत की विश्वसनीयता को परिभाषित करते हैं।"

उन्होंने भारत की उभरती पहचान पर भी विचार किया, "ब्रांड इंडिया विकास के दौर से गुजर रहा है। ब्रांड असफलता के कारण खत्म नहीं होते, बल्कि वे विकसित न होने के कारण खत्म होते हैं।"

पीआरसीएआई के अध्यक्ष कुणाल किशोर ने कहा, "प्रतिष्ठा आज कम्युनिकेशन से बढ़कर रणनीति बन गई है, जो बोर्डरूम में विश्वास, मार्केट में विश्वसनीयता और वैश्विक मंच पर प्रभाव लाती है।"

Point of View

NationPress
12/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या इस सर्वे में शामिल सभी सीईओ भारतीय थे?
जी हां, यह सर्वेक्षण भारत के विभिन्न शहरों के सीईओ के बीच किया गया था।
क्या सीईओ ने सरकार की भूमिका पर कोई विशेष सुझाव दिए?
सीईओ ने नीतिगत अनिश्चितताओं और एआई से जुड़े जोखिमों के बारे में चेतावनी दी है।