क्या प्रतिभूति बाजार ईमानदारी और पारदर्शिता की मजबूत नींव पर चलेगा? : सेबी चेयरमैन

सारांश
Key Takeaways
- डिजिटल प्लेटफार्मों ने निवेश को सरल बनाया है।
- धोखेबाज़ों से सावधान रहना आवश्यक है।
- विकास की संभावनाएँ अभी भी बहुत अधिक हैं।
- इन्वेस्टर्स को शिक्षा और जागरूकता की आवश्यकता है।
- सर्वेक्षण में भागीदारी को बढ़ाने की आवश्यकता है।
मुंबई, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने सोमवार को कहा कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर ने बाजारों को हमारे लिए काफी सरल बना दिया है, लेकिन इसने धोखेबाजों को निवेशकों को गुमराह करने के लिए नए उपकरण भी प्रदान किए हैं।
सेबी प्रमुख ने कहा कि प्रतिभूति बाजार हमारे देश के विकास का मुख्य आधार हैं और यह सुनिश्चित करना हमारी साझा जिम्मेदारी है कि यह आधार ईमानदारी और पारदर्शिता की मजबूत नींव पर खड़ा हो।
6 से 12 अक्टूबर तक चलने वाले वर्ल्ड इन्वेस्टर वीक 2025 के शुभारंभ पर पांडे ने कहा कि मुझे गर्व है कि आज मैं इस समारोह का उद्घाटन कर रहा हूँ। यह आईओएससीओ द्वारा इंवेस्टर एजुकेशन और प्रोटेक्शन के महत्व को उजागर करने के लिए एक वैश्विक अभियान है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष भारत के लिए आयोजन की थीम फ्रॉड एंड स्कैम्स, प्रिवेंशन एंड बेसिक्स ऑफ इंवेस्टिंग रखी गई है।
पांडे ने कहा, "हमने हाल ही में एक इंवेस्टर सर्वे के निष्कर्ष जारी किए हैं, जिसे सेबी ने एएमएफआई, एनएसई, बीएसई, एनएसडीएल और सीडीएसएल के सहयोग से करवाया था।"
उन्होंने कहा, "90,000 से अधिक परिवारों को शामिल करते हुए यह सर्वे हमें भारत के निवेश परिदृश्य की स्पष्ट जानकारी प्रदान करता है। यह हमारे लिए मार्गदर्शक होगा क्योंकि हम अपने बाजारों को अधिक समावेशी और सुरक्षित बनाने के लिए प्रयासरत हैं।"
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय निवेशकों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे यूनिक निवेशकों की संख्या 134 मिलियन तक पहुँच गई है।
सर्वे के अनुसार, 63 प्रतिशत भारतीय परिवार, यानी 213 मिलियन परिवार, कम से कम एक प्रतिभूति बाजार उत्पाद के बारे में जानते हैं। हालाँकि, हमें जागरूकता से कार्रवाई की ओर बढ़ने की आवश्यकता है।
पांडे ने कहा कि सर्वे से पता चलता है कि वास्तविक भागीदारी केवल 9.5 प्रतिशत परिवारों की है।
उन्होंने कहा, "यह संख्या विकास की विशाल संभावनाओं को दिखाती है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि केवल 36 प्रतिशत निवेशकों के पास प्रतिभूति बाजार का उच्च या मध्यम ज्ञान है।"
कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए, पांडे ने कहा कि जब भी हमारी टीम नॉन-रजिस्टर्ड इंफ्लुएंसर्स की पहचान करती है, तो हम इसकी गहन जांच करते हैं। यदि हमें पता चलता है कि वे जनता को गुमराह कर रहे हैं, तो हम मामले को प्लेटफॉर्म प्रोवाइडर्स तक पहुँचाते हैं।
उन्होंने कहा, "गूगल, मेटा, एक्स और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर कार्रवाई करते हैं। हम डेटा को हर तीन महीने में संकलित और साझा करते हैं।"