क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने वर्ष 2022-23 के लिए एनएसएस पुरस्कार वितरित किए?

सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एनएसएस पुरस्कारों का वितरण किया।
- युवा मामले मंत्रालय हर वर्ष स्वैच्छिक सेवा के लिए पुरस्कार प्रदान करता है।
- इस वर्ष दस एनएसएस इकाइयों और 30 स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया।
- एनएसएस का उद्देश्य युवाओं के व्यक्तित्व विकास को बढ़ावा देना है।
- स्वयंसेवक विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर कार्य करते हैं।
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में वर्ष 2022-23 के लिए माई भारत-राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) पुरस्कारों का वितरण किया। इस अवसर पर केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया और युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे ने पुरस्कार समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। समारोह में युवा कार्यक्रम सचिव डॉ. पल्लवी जैन गोविल, खेल सचिव श्री हरि रंजन राव और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।
युवा मामले मंत्रालय हर वर्ष एनएसएस पुरस्कार प्रदान करता है ताकि कार्यक्रम अधिकारियों, एनएसएस इकाइयों और एनएसएस स्वयंसेवकों के द्वारा स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा में किए गए उत्कृष्ट योगदान को मान्यता दी जा सके।
इस वर्ष दस एनएसएस इकाइयों को उनके कार्यक्रम अधिकारियों के साथ पुरस्कार प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त, 30 एनएसएस स्वयंसेवकों को भी एमवाई भारत-एनएसएस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
वर्ष 2022-23 के लिए दो श्रेणियों में पुरस्कार वितरित किए गए। प्रत्येक एनएसएस इकाई को 2,00,000 रुपये की ट्रॉफी और पुरस्कार दिया गया, जबकि प्रत्येक कार्यक्रम अधिकारी को 1,50,000 रुपये, प्रमाण पत्र और रजत पदक से सम्मानित किया गया। स्वयंसेवकों को 1,00,000 रुपये, प्रमाण पत्र और रजत पदक प्राप्त हुए।
एनएसएस एक केंद्रीय योजना है, जिसकी स्थापना 1969 में छात्रों और युवाओं के व्यक्तित्व और चरित्र विकास हेतु स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के माध्यम से की गई थी। एनएसएस का आदर्श वाक्य है 'मैं नहीं, बल्कि आप'। वर्तमान में, भारत में लगभग 40 लाख एनएसएस स्वयंसेवक कार्यरत हैं।
एनएसएस स्वयंसेवक सामाजिक प्रासंगिकता के मुद्दों पर काम करते हैं, जैसे साक्षरता, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, और स्वच्छता गतिविधियां आदि।