क्या तमिलनाडु में डेंगू और बुखार के मामले बढ़ते जा रहे हैं?

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क्या तमिलनाडु में डेंगू और बुखार के मामले बढ़ते जा रहे हैं?

सारांश

तमिलनाडु में डेंगू, टाइफाइड और बुखार के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। सरकार ने एहतियाती कदमों को तेज कर दिया है। जानें क्या कर रही है सरकार और कैसे आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

Key Takeaways

  • डेंगू मामलों में वृद्धि का कारण अनियमित बारिश और जलभराव है।
  • सरकार ने जागरूकता अभियान शुरू किया है।
  • बुखार के मरीजों की पहचान के लिए घर-घर जांच की जा रही है।
  • लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों का पालन करने का आग्रह किया जा रहा है।
  • स्थिति अभी नियंत्रण में है लेकिन सतर्कता आवश्यक है।

चेन्नई, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु में इस समय डेंगू, टाइफाइड और बुखार के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। अक्टूबर की शुरुआत तक राज्य में डेंगू के 16,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से आठ लोगों की मृत्यु हो चुकी है। यह स्थिति कई जिलों में फैल चुकी है, जिससे लोगों में चिंता बढ़ गई है। बीमारी के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए राज्य सरकार ने एहतियाती कदमों को तेज कर दिया है।

स्वास्थ्य विभाग ने राज्यभर में घर-घर जाकर लोगों की जांच शुरू कर दी है। साथ ही, जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि लोग बीमारी के लक्षण पहचान सकें और समय पर इलाज करवा सकें। मच्छर नियंत्रण के लिए दवाओं का छिड़काव, नालियों की सफाई और पानी जमा होने वाले स्थानों की सफाई जैसे कार्य तेजी से किए जा रहे हैं।

सरकार को आशंका है कि यदि यही स्थिति बनी रही, तो आगामी उत्तर-पूर्व मानसून की बारिश के दौरान स्थिति और बिगड़ सकती है।

राष्ट्रीय आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक के बाद तमिलनाडु डेंगू के मामलों में दूसरे स्थान पर है। 2025 में अब तक यहां 16,546 केस सामने आए हैं। पिछले साल 2024 में 27,378 केस और 13 मौतें हुई थीं। वहीं, 2023 में 9,121 मामले और 8 मौतें दर्ज की गई थीं। ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि हर साल बारिश के बाद डेंगू के मामलों में वृद्धि होती है।

स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि इस बार डेंगू बढ़ने की बड़ी वजहें अनियमित बारिश, तापमान में लगातार बदलाव और जलभराव हैं, विशेषकर शहरी और ग्रामीण इलाकों में। एडीज एजिप्टी नामक मच्छर, जो डेंगू फैलाता है, ऐसे ही पनपता है।

राज्य के कई जिलों से बुखार के मामले सामने आए हैं। चेन्नई, तिरुवन्नामलाई, मदुरै और कोयंबटूर जैसे शहरों में कई लोग बुखार से पीड़ित पाए गए हैं। इससे संक्रमण के फैलाव की गंभीरता और बढ़ गई है। सरकार ने इन इलाकों में विशेष निगरानी शुरू कर दी है।

स्वास्थ्य विभाग की टीमें अब सरकारी और निजी अस्पतालों में जाकर लगातार निगरानी कर रही हैं। घर-घर जाकर लोगों की जांच हो रही है ताकि बुखार के मरीजों की पहचान तुरंत की जा सके और उन्हें समय पर इलाज मिल सके। साथ ही, मच्छर रोधी दवाओं का छिड़काव, गंदे पानी की सफाई और पानी जमा होने वाले स्थानों को खत्म करने का काम भी किया जा रहा है।

सरकार उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की लगातार निगरानी कर रही है और लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूलों, सरकारी दफ्तरों और रिहायशी इलाकों में अभियान चलाए जा रहे हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि वे पानी के बर्तनों को ढककर रखें, फ्रिज और गमलों के पीछे पानी जमा न होने दें और दिन के समय पूरी बांह के कपड़े पहनें क्योंकि डेंगू मच्छर दिन में काटते हैं।

चिकित्सकों का कहना है कि लोग बुखार होने पर खुद से दवा न लें, क्योंकि बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं लेने से स्थिति और बिगड़ सकती है। समय पर जांच और इलाज ही सबसे सुरक्षित तरीका है।

राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को पर्याप्त दवाएं, जांच किट और आईवी फ्लूइड्स की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि मरीजों की संख्या बढ़ने पर भी इलाज में कोई रुकावट न आए।

बुखार और डेंगू के मामलों में वृद्धि के बावजूद, अधिकारियों का दावा है कि स्थिति अभी नियंत्रण में है। मृत्यु दर कम है और तमाम एहतियाती उपाय तेजी से किए जा रहे हैं।

Point of View

जागरूकता और सावधानी का स्तर बढ़ाना आवश्यक है। यह समय है जब लोग अपनी स्वास्थ्य संबंधी जिम्मेदारियों को समझें और एहतियात बरतें।
NationPress
12/10/2025

Frequently Asked Questions

डेंगू के लक्षण क्या हैं?
डेंगू के लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द, उल्टी, और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं।
बुखार होने पर क्या करना चाहिए?
बुखार होने पर डॉक्टर से परामर्श करें और खुद से दवा न लें।
सरकार क्या कदम उठा रही है?
सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को सक्रिय किया है और जागरूकता अभियान चला रही है।
डेंगू से बचने के उपाय क्या हैं?
पानी के बर्तनों को ढककर रखें और मच्छरों के काटने से बचें।
क्या स्थिति नियंत्रण में है?
अधिकारियों का कहना है कि स्थिति अभी नियंत्रण में है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है।