क्या पटना में 'वोटर अधिकार यात्रा' का समापन कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के संबोधन के साथ होगा?

सारांश
Key Takeaways
- वोटर अधिकार यात्रा का उद्देश्य मतदाताओं को जागरूक करना है।
- यात्रा में कांग्रेस और अन्य महागठबंधन के नेताओं की भागीदारी है।
- यह यात्रा 1,300 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी है।
- यात्रा का समापन पटना में होगा।
- इंडिया गठबंधन का समर्थन इस यात्रा को प्राप्त है।
पटना, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में कांग्रेस की 'वोटर अधिकार यात्रा' सोमवार को पटना में एक प्रतीकात्मक पदयात्रा के साथ समाप्त होने जा रही है।
लगभग चार किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा को 'गांधी से अंबेडकर' नाम दिया गया है। यह पदयात्रा सुबह 10 बजे गांधी मैदान के गेट नंबर 1 से प्रारंभ होगी।
इसके बाद, पदयात्री एसपी वर्मा रोड, डाकबंगला चौराहा, कोतवाली थाना, आयकर गोलंबर, नेहरू पथ होते हुए अंबेडकर प्रतिमा स्थल तक पहुंचेंगे।
महागठबंधन के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ बड़ी संख्या में लोग इस पदयात्रा में भाग लेंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पटना के अंबेडकर पार्क में जनसभा को संबोधित करेंगे। इस सभा को लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी संबोधित करेंगे।
पार्टी के अनुसार, राजद नेता तेजस्वी यादव, भाकपा-माले के दीपांकर भट्टाचार्य और वीआईपी के मुकेश सहनी भी गांधी मैदान से अंबेडकर पार्क तक समापन जुलूस का नेतृत्व करेंगे।
'वोटर अधिकार यात्रा' 25 जिलों से होकर 1,300 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर चुकी है। इंडिया गठबंधन ने इस यात्रा को राज्य में 'वोट चोरी' के खिलाफ एक जन आंदोलन के रूप में प्रस्तुत किया है।
17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई यह यात्रा राज्य की राजधानी पहुंचने से पहले औरंगाबाद, गया, नालंदा, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, छपरा और आरा से होकर गुजरी है।
कांग्रेस की 'वोटर अधिकार यात्रा' चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के विरोध में आयोजित की गई। इस महीने की शुरुआत में शुरू हुई इस यात्रा को इंडिया ब्लॉक का समर्थन प्राप्त है। यहां तक कि इस यात्रा में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी शामिल हो चुके हैं।
वहीं, सत्तारुढ़ भाजपा और जदयू का कहना है कि इस यात्रा से बिहार में कुछ नहीं बदलने वाला है। बिहार की जनता एनडीए के साथ है और आने वाले विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता एक बार फिर से एनडीए को सत्ता की बागडोर सौंपने जा रही है।