क्या भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा विजन का नेतृत्व युवाओं को करना चाहिए?: किरेन रिजिजू
सारांश
Key Takeaways
- युवाओं की भूमिका राष्ट्रीय सुरक्षा में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- आत्मनिर्भरता के लिए युवाओं को सशक्त बनाना आवश्यक है।
- भारत का डेमोग्राफिक डिविडेंड एक अवसर है।
- अनुशासन और देशभक्ति जरूरी है।
- तकनीकी और बौद्धिक तैयारी पर जोर दिया गया।
नई दिल्ली, ४ नवंबर (राष्ट्रीय प्रेस)। संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में राष्ट्रीय एकता दिवस पर यंग लीडर्स फोरम 2025 को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के युवाओं से एक सुरक्षित और आत्मनिर्भर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह किया।
इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय सेना ने सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज के सहयोग से किया था। इसका मुख्य विषय 'वीर युवा: भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के लिए युवाओं को सशक्त बनाना' था।
कार्यक्रम में देशभर से युवा नेता, एनसीसी कैडेट, इनोवेटर्स और रक्षा कर्मी शामिल हुए। यह कार्यक्रम आगामी चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2025 का हिस्सा था।
कार्यक्रम में आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी और सांसद तेजस्वी सूर्या भी उपस्थित रहे।
रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री के 'विकसित भारत 2047' के सपने को पूरा करने में युवाओं की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने बताया कि भारत की ७ प्रतिशत से अधिक मजबूत आर्थिक वृद्धि देश की ताकत और संभावनाओं को प्रदर्शित करती है।
रिजिजू ने भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल और मेजर बॉब खाथिंग को याद करते हुए युवाओं से कहा कि वे अनुशासित, देशभक्त और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें, जैसे हमारी सेना के जवान होते हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि भारत के डेमोग्राफिक डिविडेंड को बोझ बनने से रोकने के लिए इसे प्रभावी ढंग से उपयोग में लाना आवश्यक है।
जनरल द्विवेदी ने युद्ध के बदलते स्वरूप पर अपनी बात दोहराई और आवश्यक बौद्धिक एवं तकनीकी तैयारी पर जोर दिया।
इस फोरम ने भारत के भविष्य के निर्माता और रक्षक के रूप में युवाओं की भूमिका पर बल दिया।