क्या गिरिराज सिंह का एजेंडा हिंदू-मुस्लिम विभाजन को बढ़ावा देना है? : एसटी हसन

सारांश
Key Takeaways
- गिरिराज सिंह का बयान विवादास्पद है।
- एसटी हसन ने इसे विभाजनकारी बताया।
- मुसलमानों ने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया।
- सभी समुदायों को समान अधिकार मिलना चाहिए।
- क्रिकेट मैच को लेकर एसटी हसन ने चिंता जताई।
मुरादाबाद, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय कपड़ा मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह के मुसलमानों संबंधी दिए गए बयान ने फिर से विवाद को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं का लाभ लेते हैं, लेकिन उन्हें वोट नहीं देते।
इस बयान को सपा के पूर्व सांसद एसटी हसन ने सांप्रदायिक और विभाजनकारी करार देते हुए कहा कि गिरिराज सिंह का एजेंडा हमेशा से ही हिंदू-मुस्लिम विभाजन को बढ़ावा देना रहा है। मुसलमान इस देश के उतने ही हकदार नागरिक हैं जितने खुद गिरिराज सिंह हैं। संविधान के तहत सभी को योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए, चाहे वे हिंदू हों या मुस्लिम। 'नमक हराम' जैसे शब्दों का उपयोग करना मुसलमानों का अपमान है।
उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम समुदाय ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया और आज भी देश के लिए अपनी कुर्बानियां दे रहा है। यदि भविष्य में आवश्यकता पड़ी तो मुसलमान हमेशा पहले लाइन में खड़े मिलेंगे। गिरिराज सिंह जिस विचारधारा से आते हैं, वे ऐसे ही बयान दे सकते हैं। भाजपा के नेता इसी तरह की बातों के लिए जाने जाते हैं।
एसटी हसन ने यह भी कहा कि मस्जिदों से फतवे नहीं, बल्कि शांति और प्रेम का संदेश दिया जाता है, लेकिन गिरिराज सिंह और उनकी पार्टी मंदिर-मस्जिद को सियासत के लिए इस्तेमाल करती है, जो देश के लिए खतरनाक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर दौरे पर भी एसटी हसन ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "कम से कम प्रधानमंत्री मणिपुर गए तो सही। हम कहते-कहते थक गए कि प्रधानमंत्री क्यों नहीं जाते। मणिपुर में जब महिलाओं के साथ अत्याचार हुए, तब प्रधानमंत्री वहां नहीं गए। अब उनका दौरा केवल राजनीतिक है, न कि पीड़ितों के आंसू पोंछने के लिए।"
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच के बारे में एसटी हसन ने कहा, "जब तक पाकिस्तान से ठोस आश्वासन नहीं मिलता, तब तक ऐसे मैच नहीं होने चाहिए। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम यह मैच करेगा। मैं इस मैच को रद्द करने की मांग करता हूं। ऐसे मैच नहीं खेले जाने चाहिए जो हमारी बहन-बेटियों को परेशानी में डालें और उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम करें।"