क्या हैदराबाद में ईडी ने 80 करोड़ की संपत्तियों को अटैच किया?

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क्या हैदराबाद में ईडी ने 80 करोड़ की संपत्तियों को अटैच किया?

सारांश

हैदराबाद में प्रवर्तन निदेशालय ने 80.05 करोड़ की संपत्तियों को अटैच किया है। यह कार्रवाई अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर की गई है। मामला संतोष सैंड एंड ग्रेनाइट सप्लाई से जुड़ा है। जानें इस बड़ी कार्रवाई के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • ईडी ने 80.05 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अटैच किया।
  • यह कार्रवाई अवैध खनन के मामले में की गई।
  • जांच में कई ठिकानों पर छापे मारे गए।
  • संपत्तियां विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर थीं, लेकिन लाभ गुडेम मधुसूदन रेड्डी को हुआ।
  • आगे की जांच जारी है।

हैदराबाद, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। हैदराबाद के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए 80.05 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अपने कब्जे में ले लिया है। यह कदम प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत उठाया गया है। यह मामला संतोष सैंड एंड ग्रेनाइट सप्लाई द्वारा किए गए गैरकानूनी खनन से संबंधित है।

ईडी ने पटनचेरू पुलिस, तेलंगाना द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच आरंभ की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि संतोष सैंड एंड ग्रेनाइट सप्लाई के मालिक गुडेम मधुसूदन रेड्डी और उनके सहयोगियों ने सरकार को भारी चूना लगाया।

उन्होंने असाइन किए गए खदान क्षेत्र में अधिक खनन करके और बिना अनुमति की सरकारी जमीन पर भी अवैध खनन कर सरकार को 39.08 करोड़ रुपए की रॉयल्टी के रूप में भारी राजस्व का नुकसान पहुंचाया। उन्होंने अपने द्वारा किए गए अवैध खनन से 300 करोड़ रुपए की गलत तरीके से कमाई की।

जांच के दौरान, ईडी ने कई स्थानों पर छापे मारे। इन छापों में गुडेम मधुसूदन रेड्डी के पास से कई मूल प्रॉपर्टी दस्तावेज मिले। आगे की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि ये संपत्तियां विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर थीं, लेकिन इनका लाभ गुडेम मधुसूदन रेड्डी ही ले रहा था।

जांच में यह भी सामने आया कि माइनिंग लाइसेंस सरकार ने संतोष सैंड एंड ग्रेनाइट सप्लाई को दिया था और उन्होंने इसे गुडेम मधुसूदन रेड्डी और जी विक्रम रेड्डी की पार्टनरशिप फर्म मेसर्स जीवीआर एंटरप्राइजेज को सब-कॉन्ट्रैक्ट किया। यह सब-कॉन्ट्रैक्टिंग सरकार की अनुमति के बिना की गई थी।

ईडी की जांच में यह भी पाया गया कि अवैध तरीके से निकाले गए उत्पाद ज्यादातर नकद में बेचे गए और इस प्रकार से अर्जित धन को संपत्तियों में निवेश किया गया, जो मुख्य रूप से बेनामी व्यक्तियों के नाम पर थीं। इसलिए, जांच के दौरान ऐसी 81 संपत्तियों को प्रोविजनल तौर पर अटैच किया गया है, जिनकी कीमत लगभग 78.93 करोड़ है।

इसके अतिरिक्त, अवैध तरीके से निकाले गए सामान के खरीदारों से जीवीआर एंटरप्राइजेज को कुछ धन भी मिलना था, जो प्रोसिड्स ऑफ क्राइम के रूप में संदर्भित किया जाता है। इसलिए इन इकाइयों के नाम पर 1.12 करोड़ के फिक्स्ड डिपॉजिट भी अटैच कर दिए गए हैं। आगे की जांच जारी है।

Point of View

NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने कितनी संपत्तियों को अटैच किया?
ईडी ने कुल 81 संपत्तियों को अटैच किया है, जिनकी कीमत लगभग 78.93 करोड़ रुपए है।
यह कार्रवाई किस अधिनियम के तहत की गई?
यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई है।
गुडेम मधुसूदन रेड्डी पर क्या आरोप हैं?
उन्हें अवैध खनन और सरकार को वित्तीय धोखे देने के आरोप में जांच का सामना करना पड़ रहा है।
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