क्या 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर सीएम धामी का बयान है महत्वपूर्ण?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री धामी ने विवाद को जानबूझकर की गई साजिश बताया।
- उत्तराखंड में अशांति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- दंगाइयों को सख्त सजा दी जाएगी।
उत्तराखंड, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "यह हमारे त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान अशांति और गड़बड़ी उत्पन्न करने के उद्देश्य से एक जानबूझकर की गई साजिश है।"
उन्होंने कहा कि इसके पीछे वे शक्तियां हैं जो भारत को मजबूती से नहीं देख सकतीं। ये वही ताकतें हैं जो एक भारत, श्रेष्ठ भारत के विचार का समर्थन नहीं करती हैं। ये तुष्टीकरण की राजनीति पर निर्भर हैं। जो लोग प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में 'विकसित भारत' के संकल्प में विकास को पचा नहीं पा रहे, वे लगातार समाज में अशांति और दंगा करवाने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आप किसी के साथ जुड़े हैं, तो आपको उनके नाम की तख्ती लेकर घूमने का अधिकार किसने दिया?
उन्होंने आगे कहा कि अगर आप किसी से प्रेम करते हैं और उसका सम्मान करते हैं, तो वह सम्मान तभी सच्चा है जब वह आपके व्यवहार में झलकता है। इसका यह मतलब नहीं है कि वह प्यार और सम्मान उन्माद, कट्टरता और दंगों के रूप में प्रकट हो। देवभूमि उत्तराखंड गंगा, यमुना और चार धामों का प्रदेश है। इस प्रकार की अराजकता इस धरती (उत्तराखंड) पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। चाहे वह सरकारी संपत्ति हो या निजी संपत्ति, दंगाई को इसकी कीमत चुकानी होगी और यह बहुत सख्ती से किया जाएगा।
इससे पहले सोमवार को मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून के परेड ग्राउंड में धरना प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात की। उन्होंने छात्रों से कहा कि अगर मन में किसी तरह का संदेश है, तो उसे निश्चित तौर पर दूर किया जाएगा। इसी बीच उन्होंने छात्रों को पेपर लीक मामले में सीबीआई से जांच कराने का भरोसा दिया।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएसटी) के पेपर लीक मामले में छात्र कई दिन से धरने पर बैठे थे। मुख्यमंत्री ने छात्रों से कहा, "मैं आपकी तकलीफ समझ सकता हूं। आपके प्रदर्शन के दौरान मुझे एक-एक दिन भारी लग रहा था। गर्मी में आंदोलन करना कठिन है। मैंने इस परेशानी को महसूस किया, इसलिए मैं खुद आप लोगों के पास आया हूं।"