क्या एमएल. कोट्रू के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने शोक व्यक्त किया?

सारांश
Key Takeaways
- कोट्रू का निधन पत्रकारिता के लिए एक बड़ा नुकसान है।
- उन्होंने कई पीढ़ियों के पत्रकारों को प्रेरित किया।
- उनकी पुस्तक 'द कश्मीर स्टोरी' महत्वपूर्ण है।
- वे 'द स्टेट्समैन' के पूर्व संपादक रहे।
- उनकी विरासत सदियों तक जीवित रहेगी।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। वरिष्ठ पत्रकार और 'द स्टेट्समैन' के पूर्व संपादक एमएल. कोट्रू के निधन ने पत्रकारिता के क्षेत्र में एक गहरा शोक का माहौल बना दिया है। 91 वर्ष की आयु में, कोट्रू का निधन 26 सितंबर को गुरुग्राम में उनके घर पर हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके परिवार को शोक संदेश भेजकर अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की हैं। पीएम मोदी ने पत्र में कोट्रू को पत्रकारिता का 'ग्रैंड ओल्ड मैन' बताते हुए कहा कि उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है।
उन्होंने कोट्रू कृष्ण को संबोधित करते हुए लिखा, "मुझे एमएल. कोट्रू के निधन की सूचना मिली, जिसने मुझे गहन शोक और दुख की अनुभूति दी। उनका जाना एक ऐसी क्षति है जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता। एक प्रसिद्ध पत्रकार के रूप में, एमएल. कोट्रू जी ने कई पीढ़ियों के पत्रकारों के लिए मार्गदर्शक का कार्य किया। अपने अद्वितीय करियर में उन्होंने सत्यनिष्ठा, दृष्टि की स्पष्टता और विचार की गहराई जैसे कालातीत सिद्धांतों को हमेशा बनाए रखा। उन्होंने एक ऐसी विरासत छोड़ी है जो सभी को प्रेरित करती रहेगी।"
उन्होंने आगे कहा, "परिवार, मित्रों और शुभचिंतकों को उनकी कमी गहराई से महसूस होगी, फिर भी उनका सान्निध्य हमेशा दिलों में बसेगा। उनके साथ बिताए पलों की यादें इस कठिन समय में आपको सांत्वना प्रदान करेंगी। कृपया मेरी हार्दिक संवेदना स्वीकार करें। कोट्रू परिवार को इस दुखद क्षति को सहने की शक्ति मिले। ॐ शांति!"
यह ध्यान देने योग्य है कि एम.एल. कोट्रू का जन्म कश्मीर में हुआ था और उन्होंने छह दशकों से अधिक समय तक पत्रकारिता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे 'द स्टेट्समैन' के दिल्ली रेसिडेंट एडिटर और पूर्व संपादक रहे, साथ ही 'द संडे टाइम्स' लंदन के भारत संवाददाता के रूप में कार्यरत थे। 1994 में प्रकाशित उनकी पुस्तक 'द कश्मीर स्टोरी' ने कश्मीर मुद्दे पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया। वे 'एशिया '72: ऑफिशियल गाइड' के संपादक भी थे। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के पूर्व महासचिव और वरिष्ठ सदस्य के रूप में, कोट्रू युवा पत्रकारों के लिए प्रेरणास्रोत बने।