क्या इग्नू ने कला शिक्षा में एक नया अध्याय शुरू किया है, ऑनलाइन सैंड आर्ट कोर्स के साथ?

सारांश
Key Takeaways
- इग्नू का सैंड आर्ट कोर्स कला शिक्षा में एक नया अध्याय है।
- सुदर्शन पटनायक द्वारा डिज़ाइन किया गया है।
- छह महीने का पाठ्यक्रम, जिसमें व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान है।
- कला में रुचि रखने वालों के लिए एक सुनहरा अवसर।
- नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कौशल विकास को बढ़ावा।
नई दिल्ली, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने कला शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, भारत में पहली बार ऑनलाइन सैंड आर्ट कोर्स शुरू किया है। इस कोर्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट पद्मश्री सुदर्शन पटनायक ने विशेष रूप से डिज़ाइन किया है। उन्होंने इस पहल पर गर्व और उत्साह व्यक्त किया।
सुदर्शन पटनायक ने कहा कि यह भारत के लिए एक नया अध्याय है, जहां इग्नू की ओर से ऑनलाइन सैंड आर्ट कोर्स शुरू किया गया है। मुझे इसे डिजाइन करने का सम्मान प्राप्त हुआ है, और इसे एक विशेषज्ञ समिति के पैनल ने पूरी तरह से सत्यापित किया है। मुझे विश्वास है कि यह दुनिया का पहला ऐसा कोर्स है, जो किसी ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह कोर्स भारत की नई शिक्षा नीति (एनईपी) और स्वयं (एसडब्ल्यूएवाईएएम) प्लेटफॉर्म के तहत शुरू किया गया है, जो कला के क्षेत्र में छिपी प्रतिभाओं को बढ़ावा देने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं, क्योंकि नई शिक्षा नीति के कारण ही कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए यह स्वयं प्लेटफॉर्म बनाया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि चाहे कोई व्यक्ति दूरदराज के गांव में हो या शहर में, कला में रुचि रखने वाला कोई भी व्यक्ति अब अपने घर में सैंड आर्ट सीख सकता है। यह छह महीने का पाठ्यक्रम है, जिसे व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान देने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है। यह मंच पूरे भारत से कलात्मक प्रतिभा को बढ़ावा देने और प्रदर्शित करने में मदद करेगा।
ज्ञात हो कि ओडिशा के निवासी सुदर्शन पटनायक को विश्व के शीर्ष सैंड कलाकारों में गिना जाता है। वह समुद्र तटों पर ऐसी कलाकृतियां बनाते हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि रेत में भी जान आ गई हो। सैंड आर्टिस्ट के रूप में उन्हें देश और विदेश दोनों में कई पुरस्कार मिल चुके हैं।