क्या यूपी रेरा ने 1410 करोड़ की वसूली में नया कीर्तिमान स्थापित किया?

सारांश
Key Takeaways
- यूपी रेरा ने 5700 वसूली प्रमाण-पत्रों के तहत 1410 करोड़ रुपए की ऐतिहासिक वसूली की।
- 1 जनवरी 2025 से 15 जुलाई 2025 तक 955 मामलों में 251 करोड़ रुपए की राशि वसूली गई।
- 3053 वसूली प्रमाण-पत्रों के आधार पर 861 करोड़ रुपए की वसूली की गई।
- 1650 वसूली प्रमाण-पत्रों का निपटारा आपसी समझौते से किया गया।
- 8500 मामलों का कन्सिलिएशन और निष्पादन कार्यवाही के जरिए निपटारा किया गया।
ग्रेटर नोएडा, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने आवंटियों की शिकायतों के निपटारे में ऐतिहासिक प्रगति की है। अब तक कुल 5700 वसूली प्रमाण-पत्रों के माध्यम से 1410 करोड़ रुपए की वसूली की गई है। रेरा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से 15 जुलाई 2025 के बीच 955 मामलों में 251 करोड़ रुपए की राशि वसूली गई है, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है।
अगस्त 2023 से 15 जुलाई 2025 तक, 3053 वसूली प्रमाण-पत्रों के आधार पर कुल 861 करोड़ रुपए की वसूली की गई, जो अब तक की कुल वसूली का 61 प्रतिशत हिस्सा है। इसके अतिरिक्त, 1650 वसूली प्रमाण-पत्रों का निपटारा प्रमोटरों और आवंटियों के बीच आपसी समझौते द्वारा किया गया, जिसमें 500 करोड़ रुपए की राशि का समाधान किया गया है।
रेरा ने न केवल प्रत्यक्ष वसूली की है, बल्कि लखनऊ और ग्रेटर नोएडा में स्थापित कन्सिलिएशन फोरम के माध्यम से भी आवंटियों को राहत प्रदान की है। कन्सिलिएशन और निष्पादन कार्यवाही के जरिए 8500 मामलों का निपटारा किया गया, जिनका अनुमानित मूल्य 3320 करोड़ रुपए था। कुल मिलाकर, यूपी रेरा ने 15850 आवंटी शिकायतकर्ताओं के करीब 5180 करोड़ रुपये के दावों का समाधान किया है, चाहे वह वसूली के माध्यम से हो या फिर आपसी समझौते और मध्यस्थता के जरिए।
उत्तर प्रदेश रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने इस वसूली में हुई प्रगति का श्रेय जिलाधिकारियों के साथ नियमित मासिक समीक्षा, प्रमोटरों पर सख्त दबाव और प्रोजेक्ट्स के पंजीकरण या विस्तार से पहले दावों की संतोषजनकता की अनिवार्यता को दिया है। उन्होंने बताया कि रेरा की इस सक्रिय रणनीति को भारत सरकार स्तर पर भी सराहा गया है। अब यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आवंटियों को उनके अधिकार समयबद्ध तरीके से मिलें और रेरा के आदेशों का पालन पूरी तरह से हो।