क्या आने वाले वर्षों में भारत सेमीकंडक्टर उत्पादन में शीर्ष 5 देशों में होगा?: अश्विनी वैष्णव

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क्या आने वाले वर्षों में भारत सेमीकंडक्टर उत्पादन में शीर्ष 5 देशों में होगा?: अश्विनी वैष्णव

सारांश

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, भारत आने वाले वर्षों में सेमीकंडक्टर उत्पादन में शीर्ष 5 देशों में शामिल होगा। यह विकास चिप डिजाइन और निर्माण के क्षेत्र में भारत के इकोसिस्टम की मजबूती का संकेत देता है। जानें इस से संबंधित और महत्वपूर्ण जानकारी।

Key Takeaways

  • भारत सेमीकंडक्टर उत्पादन में शीर्ष 5 देशों में शामिल होने की दिशा में अग्रसर है।
  • आईआईटी-हैदराबाद के छात्रों ने 20 चिपसेट डिज़ाइन किए हैं।
  • भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 40 अरब डॉलर को पार कर गया है।

नई दिल्ली, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि जिस प्रकार हम सेमीकंडक्टर बनाने के लिए आवश्यक पूंजीगत उपकरण और सामग्री का निर्माण कर रहे हैं, उससे आने वाले वर्षों में भारत सेमीकंडक्टर का उत्पादन करने वाले शीर्ष 5 देशों में शामिल होगा।

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में देश की तीव्र प्रगति पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अब चिप डिजाइन से लेकर निर्माण तक एक संपूर्ण सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है, जो देश को इस क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने में मदद करेगा।

आईआईटी-हैदराबाद के 14वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए, वैष्णव ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में भी बताया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छात्रों ने पहले ही 20 चिपसेट डिजाइन कर लिए हैं, जिनमें से आठ को "टेप आउट" करके निर्माण के लिए भेज दिया गया है।

इन चिपसेट का निर्माण ग्लोबल फाउंड्रीज और मोहाली स्थित सरकारी स्वामित्व वाली सेमी-कंडक्टर लेबोरेटरी (एससीएल) में किया जा रहा है जो 1976 से कार्यरत है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत द्वारा इस वर्ष अपना पहला व्यावसायिक स्तर का, मेड-इन-इंडिया सेमीकंडक्टर चिप तैयार किए जाने की उम्मीद है।

इस उपलब्धि को सरकार के भारत सेमीकंडक्टर मिशन द्वारा सपोर्ट किया जा रहा है, जिसने 270 कॉलेजों और 70 स्टार्टअप्स को उन्नत इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन (ईडीए) उपकरण प्रदान किए हैं।

अकेले आईआईटी-हैदराबाद के 700 से अधिक छात्रों ने पिछले छह महीनों में इन उपकरणों का कुल मिलाकर 3,00,000 घंटे उपयोग किया है।

इनोवेशन को और बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने एआईकोष नामक एक ओपन-सोर्स एआई प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है, जो अब 880 डेटासेट और 200 से अधिक एआई मॉडल होस्ट करता है। ये संसाधन देश भर के छात्रों, शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स के लिए निःशुल्क उपलब्ध हैं।

वैष्णव ने कहा कि ये प्रयास केवल शोध तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि आर्थिक लाभ में भी तब्दील हो रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 40 अरब डॉलर को पार कर गया है, जो पिछले 11 वर्षों में आठ गुना वृद्धि दर्शाता है।"

उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान देश का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना बढ़ा है और दोहरे अंकों की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) हासिल की है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत का सेमीकंडक्टर उत्पादन में उत्कृष्टता प्राप्त करने का प्रयास हमारे देश की तकनीकी प्रगति और आर्थिक आत्मनिर्भरता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दिशा में उठाए गए कदम न केवल हमें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाएंगे, बल्कि हमारे युवाओं को भी अवसर प्रदान करेंगे।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत सेमीकंडक्टर उत्पादन में कब से आगे बढ़ रहा है?
भारत अब चिप डिजाइन से लेकर निर्माण तक एक संपूर्ण सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है।
आईआईटी के छात्रों की भूमिका क्या है?
आईआईटी के छात्रों ने पहले ही 20 चिपसेट डिजाइन कर लिए हैं और आठ को निर्माण के लिए भेजा गया है।
भारत कब अपना पहला मेड-इन-इंडिया सेमीकंडक्टर चिप तैयार करेगा?
इस वर्ष भारत अपना पहला व्यावसायिक स्तर का मेड-इन-इंडिया सेमीकंडक्टर चिप तैयार करने की उम्मीद कर रहा है।
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