क्या इंडिगो की नेटवर्क गड़बड़ी से देशभर में उड़ानें ठप हो गईं?
सारांश
Key Takeaways
- इंडिगो और अन्य एयरलाइंस में नेटवर्क गड़बड़ी के कारण उड़ानें रद्द हुईं।
- यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।
- विपक्ष ने सरकार पर मोनोपोली का आरोप लगाया है।
- टिकटों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
- सरकार ने समस्या को हल करने के लिए प्रयास किए हैं।
नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पिछले तीन दिनों से इंडिगो और अन्य एयरलाइंस के नेटवर्क में गड़बड़ी के चलते देशभर में सैकड़ों उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। यात्रियों को एयरपोर्ट पर अपनी फ्लाइट के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे उनमें परेशानी बढ़ गई है। इस मुद्दे पर विपक्ष के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस के नेताओं ने सरकार पर मोनोपोली का आरोप लगाया है।
कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि हम आज केवल दो एयरलाइंस की मोनोपोली देख रहे हैं, और इसका नुकसान केवल यात्रियों को हो रहा है।
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा, "यह एक पूरी तरह से अभूतपूर्व स्थिति है, जिसके कारण आज हजारों और लाखों यात्री फंसे हुए हैं। यह एक अजीब स्थिति है, क्योंकि भारतीय एविएशन पहले से ही डुओपोली का शिकार है, जिसमें इंडिगो का 70 प्रतिशत मार्केट शेयर है। अगर डीजीसीए को एफडीटीएल के नियम लागू करने थे, तो पहले ऑडिट करना चाहिए था।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि जब इंडिगो नहीं जा रही है, तो दूसरी जगह जाने पर टिकटों की कीमतें दस गुना तक बढ़ गई हैं। यह केवल सरकार की गलत नीतियों का परिणाम है और आमजन को परेशानी हो रही है।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि इंडिगो में कुछ समस्याएं हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं को हल करने के लिए प्रयासरत है। विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा है, इसलिए वे अनर्गल बातें कर रहे हैं। मैंने इंडिगो के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की है, और उनकी समस्याओं का समाधान अगले 24 घंटे में हो जाएगा।
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि कस्टमर्स के लिए दिक्कतें हैं। इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से टिकटों के दाम बहुत बढ़ गए हैं, जो मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए खरीदने की क्षमता से बाहर हैं।