क्या इंडिगो क्राइसिस के बीच सरकार ने किराए को नियंत्रित करने का उपाय किया?
सारांश
Key Takeaways
- सरकार ने एयरलाइनों के लिए फेयर कैप लागू किया है।
- इंडिगो के रद्द उड़ानों से किराए में वृद्धि हुई है।
- यात्रियों के शोषण को रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं।
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शनिवार को यह बताया कि इंडिगो के ऑपरेशनल संकट के चलते मंत्रालय ने सभी प्रभावित मार्गों पर फेयर और रिजनेबल किराया सुनिश्चित करने के लिए अपनी नियामकीय शक्तियों का उपयोग किया है।
सभी एयरलाइनों को आधिकारिक निर्देश दिए गए हैं कि वे निर्धारित किराया सीमा का सख्ती से पालन करें। इसके अलावा, फेयर कैप्स तब तक लागू रहेंगे जब तक कि स्थिति पूरी तरह से स्थिर नहीं हो जाती।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "मंत्रालय रीयल-टाइम डेटा और एयरलाइनों व ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफार्मों के साथ सक्रिय समन्वय के माध्यम से फेयर लेवल पर कड़ी निगरानी रखेगा। निर्धारित मानकों से हटकर आचरण करने पर व्यापक जनहित में तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी।"
यह कदम तब उठाया गया जब इंडिगो ने कई घरेलू उड़ानों को रद्द कर दिया, जिससे कई महत्वपूर्ण रूट्स पर हवाई यात्रा के किराए में अचानक वृद्धि हुई।
अचानक बड़ी संख्या में घरेलू उड़ानों के रद्द होने से यात्रियों के लिए हवाई यात्रा में बाधा उत्पन्न हो गई है। उन्हें अपने महत्वपूर्ण कार्यों के लिए दूसरी टिकट बुक करनी पड़ रही है, जिससे देश में लास्ट मिनट टिकट की कीमतों में तेज उछाल देखा जा रहा है।
बीते शुक्रवार को दिल्ली-मुंबई रूट पर एयर इंडिया का किराया 60,000 रुपए के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। जबकि, चेन्नई-दिल्ली रूट पर इंडिया एक्सप्रेस का किराया 41,000 रुपए और स्पाइसजेट का किराया 69,000 रुपए तक पहुंच गया।
मंत्रालय का कहना है कि मौजूदा व्यवधान के दौरान कुछ एयरलाइनों द्वारा चार्ज की जा रही उच्च किराए की चिंताओं को गंभीरता से लिया गया है।
मंत्रालय ने कहा, "यात्रियों को किसी भी प्रकार की अवसरवादी प्राइसिंग से बचाने के लिए मंत्रालय ने फेयर और रिजनेबल किराया सुनिश्चित करने के लिए अपनी नियामकीय शक्तियों का उपयोग किया है।"
सरकार का कहना है कि इस निर्देश का उद्देश्य मार्केट में प्राइसिंग से जुड़े अनुशासन को बनाए रखना और संकटग्रस्त यात्रियों के शोषण को रोकना है।
साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वरिष्ठ नागरिक, छात्र और मरीज जैसे नागरिक जिन्हें तुरंत यात्रा की आवश्यकता है, उन्हें वित्तीय कठिनाई का सामना न करना पड़े।
मौजूदा संकट के पांचवे दिन शनिवार को इंडिगो ने 400 से अधिक घरेलू उड़ानों को रद्द किया।