क्या इंडिगो संकट से हवाई किराया प्रभावित हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- इंडिगो संकट के कारण कई एयरलाइनों ने किराया बढ़ाया है।
- उड्डयन मंत्रालय ने उचित किराए सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं।
- यात्रियों को आर्थिक बोझ से बचाने के लिए रेगुलेटरी शक्तियों का प्रयोग किया गया है।
- सभी एयरलाइनों को किराया सीमा का पालन करना अनिवार्य है।
- मंत्रालय वास्तविक समय के डेटा के माध्यम से निगरानी रखेगा।
नई दिल्ली, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंडिगो एयरलाइन की उड़ान रद्द होने के बाद, कई अन्य विमानन कंपनियों ने किराया बढ़ा दिया है, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति के बीच, उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइनों के किराए को उचित बनाए रखने के लिए अपनी नियामक शक्तियों का प्रयोग किया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इस बात की पुष्टि की।
केंद्रीय उड्डयन मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "यात्रियों को किसी भी प्रकार की गलत प्राइसिंग से सुरक्षित रखने के लिए, मंत्रालय ने सभी प्रभावित मार्गों पर सही और उचित किराया निर्धारित करने के लिए अपनी रेगुलेटरी पावर का उपयोग किया है।"
उन्होंने आगे लिखा, "मंत्रालय वास्तविक समय के डेटा और एयरलाइनों और ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफार्मों के साथ सक्रिय समन्वय के माध्यम से किराए के स्तर पर कड़ी निगरानी रखेगा। यदि निर्धारित नियमों का उल्लंघन होता है, तो व्यापक जनहित में त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी।"
वास्तव में, नागर विमानन मंत्रालय ने मौजूदा व्यवधान के दौरान कुछ एयरलाइनों द्वारा असामान्य रूप से अधिक हवाई किराए वसूलने की चिंताओं को गंभीरता से लिया है। यात्रियों को किसी भी प्रकार के अवसरवादी मूल्य निर्धारण से बचाने के लिए मंत्रालय ने सभी प्रभावित मार्गों पर उचित और तर्कसंगत किराए सुनिश्चित करने के लिए अपनी नियामक शक्तियों का प्रयोग किया है।
सभी एयरलाइनों को एक आधिकारिक निर्देश जारी किया गया है जिसमें अब निर्धारित किराया सीमा का सख्ती से पालन अनिवार्य किया गया है। ये सीमाएं तब तक लागू रहेंगी जब तक स्थिति पूरी तरह से स्थिर नहीं हो जाती। इस निर्देश का उद्देश्य बाजार में मूल्य निर्धारण अनुशासन बनाए रखना, संकटग्रस्त यात्रियों का शोषण रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि जिन नागरिकों को तत्काल यात्रा करने की आवश्यकता है, जिनमें वरिष्ठ नागरिक, छात्र और मरीज शामिल हैं, उन्हें इस अवधि के दौरान आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े।
मंत्रालय वास्तविक समय के आंकड़ों और एयरलाइनों एवं ऑनलाइन यात्रा प्लेटफार्मों के साथ सक्रिय समन्वय के माध्यम से किराया स्तरों पर कड़ी निगरानी बनाए रखेगा। निर्धारित मानदंडों की किसी भी प्रकार की अवहेलना व्यापक जनहित में तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई का कारण बनेगी।