क्या आईपीएस पूरन कुमार के परिजनों से मिले आप नेता अमन अरोड़ा, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग?

सारांश
Key Takeaways
- आईपीएस वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या एक गंभीर मुद्दा है।
- राजनीतिक दलों ने परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है।
- सरकार को इस मामले में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
चंडीगढ़, १२ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस वाई. पूरन कुमार के आत्महत्या मामले ने सियासी हलचल को बढ़ा दिया है। सभी राजनीतिक दलों के नेता लगातार चंडीगढ़ आकर वाई. पूरन कुमार के परिवार से मिल रहे हैं और इस मामले में त्वरित कार्रवाई की अपील कर रहे हैं।
पंजाब के कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने कहा कि यह घटना अत्यंत दुःखद है। अब तक ६ दिन बीत चुके हैं, लेकिन पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। देश में भयावह माहौल बना हुआ है। पहले चीफ जस्टिस के साथ दुर्व्यवहार हुआ और अब एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को ऐसी स्थिति में लाया गया कि उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाने पड़े।
उन्होंने आगे कहा कि आज पंजाब में आम आदमी पार्टी की ओर से कैंडल मार्च आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि सरकार को जागरूक किया जा सके। अमन अरोड़ा ने यह भी कहा कि सोमवार को पंजाब कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें इस प्रकरण पर अगला निर्णय लिया जाएगा। मैंने हरियाणा के राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे मुख्यमंत्री को निर्देश दें कि परिवार को न्याय दिलाने का प्रयास करें।
आप नेता ने सोशल मीडिया पर आईपीएस वाई. पूरन के परिवार के साथ तस्वीर साझा की। उन्होंने लिखा कि दिवंगत आईपीएस अधिकारी के शोक संतप्त परिवार से मिलकर उनका दुःख साझा किया और उन्हें पंजाब सरकार के समर्थन का आश्वासन दिया।
दलितों और वंचितों के प्रति सरकार की उदासीनता बेहद चिंताजनक है। हम आरोपी अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग करते हैं।
पंजाब आम आदमी पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि हरियाणा के आईपीएस वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या ने भाजपा की दलित विरोधी राजनीति को एक बार फिर उजागर किया है। परिवार को न्याय दिलाने के लिए चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी द्वारा कैंडल मार्च निकाला गया और न्याय में हो रही देरी के लिए केंद्र और हरियाणा सरकार के खिलाफ विरोध जताया गया।