क्या ईरान पर अमेरिका का हमला 'दुर्भाग्यपूर्ण' है? राजद सांसद मनोज झा की राय

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क्या ईरान पर अमेरिका का हमला 'दुर्भाग्यपूर्ण' है? राजद सांसद मनोज झा की राय

सारांश

राजद सांसद मनोज झा ने ईरान पर अमेरिकी हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाने की अपील की है। इस विवादास्पद विषय पर उनका कहना है कि भारत को अपनी नीति में सत्य के सिद्धांतों के साथ खड़ा रहना चाहिए।

Key Takeaways

  • ईरान पर अमेरिकी हमला दुर्भाग्यपूर्ण है।
  • मनोज झा ने केंद्र सरकार से स्पष्ट रुख की मांग की है।
  • भारत को अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी चाहिए।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीजफायर में मध्यस्थता का दावा किया है।
  • भारत को वैश्विक मुद्दों पर अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए।

नई दिल्ली, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने ईरान पर अमेरिकी हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए केंद्र सरकार से इस मामले पर अपनी राय स्पष्ट करने की मांग की है।

राजद सांसद मनोज झा ने रविवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा कि जिस तरह से अमेरिका ने ईरान पर हमला किया है, इसे मैं “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” मानता हूं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव का बयान स्पष्ट है कि यह गलत और पूरी तरह से आक्रामकता का कार्य है।

पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए राजद सांसद ने कहा कि दुर्भाग्य की बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार देने के लिए हमारा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पहल कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक उथल-पुथल के दौर में भारत का रुख स्पष्ट होना चाहिए। महात्मा गांधी के शब्दों के अनुसार, हमें अपनी नीति में सत्य के साथ खड़े रहना चाहिए, ताकि दुनिया में एक सकारात्मक संदेश जाए।

मनोज झा ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति भारत-पाक सीजफायर को लेकर 17 बार से ज्यादा मध्यस्थता कराने की बात कह चुके हैं। एक “रियल एस्टेट व्यापारी” के रूप में उनकी सोच है कि वह बमबारी करके शांति बहाल करना चाहते हैं। ऐसे समय में भारत का रुख स्पष्ट होना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का क्रेडिट लेने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को क्या आवश्यकता थी कि वह यह कहें कि उन्होंने सीजफायर कराई। भारत अपने फैसले लेने के लिए सक्षम है।

उन्होंने कहा कि ईरान-इजरायल के तनाव के बीच अमेरिका की एंट्री से जिस तरह से माहौल बन रहा है, भारत को एक नजीर पेश करनी चाहिए। एक संदेश देना चाहिए कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सरपंच नहीं हैं, और दुनिया उनके अनुसार नहीं चलेगी।

Point of View

मेरा मानना है कि इस विवादास्पद मुद्दे पर भारत को एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। हमें अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर ही कोई निर्णय लेना चाहिए। इस समय देश की एकता और अखंडता सर्वोपरि है।
NationPress
22/06/2025

Frequently Asked Questions

मनोज झा ने ईरान पर अमेरिकी हमले को क्यों दुर्भाग्यपूर्ण बताया?
उन्होंने कहा कि यह एक आक्रामकता का कार्य है और भारत को इस पर स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए।
क्या अमेरिका भारत-पाक सीजफायर में मध्यस्थता कर रहा है?
जी हाँ, राष्ट्रपति ट्रंप ने इस सवाल पर कई बार मध्यस्थता करने का दावा किया है।
मनोज झा का ईरान-इजरायल तनाव पर क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि अमेरिका की एंट्री से माहौल बिगड़ रहा है और भारत को एक नजीर पेश करनी चाहिए।