आईआरसीटीसी घोटाला मामला: क्या लालू-राबड़ी को बड़ा झटका मिला?

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आईआरसीटीसी घोटाला मामला: क्या लालू-राबड़ी को बड़ा झटका मिला?

सारांश

आईआरसीटीसी घोटाला मामले में लालू-राबड़ी को मिली निराशा। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई में स्थगन की याचिका खारिज की, जिससे न्याय व्यवस्था की गति पर सवाल उठते हैं। जानिए अदालत ने क्या कहा और यह मामला क्यों है महत्वपूर्ण।

Key Takeaways

  • आईआरसीटीसी घोटाला में लालू-राबड़ी को बड़ा झटका।
  • दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने याचिका खारिज की।
  • न्याय व्यवस्था में त्वरित सुनवाई का महत्व।
  • 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय।
  • लालू यादव पर पद के दुरुपयोग का आरोप।

नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को आईआरसीटीसी घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी को बड़ा झटका दिया है। अदालत ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें लालू-राबड़ी ने दिन-प्रतिदिन चल रही सुनवाई पर आपत्ति जताई थी।

याचिका में लालू यादव और राबड़ी देवी ने दैनिक सुनवाई को स्थगित करने या राहत देने की मांग की थी। हालांकि, अदालत ने उनकी मांग को अस्वीकार करते हुए कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य, व्यावहारिक या न्यायोचित नहीं है।

अदालत ने कहा कि देश की संवैधानिक अदालतों ने पहले ही निचली अदालतों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई में तेजी लाई जाए, अनावश्यक स्थगन से बचा जाए। अदालत की मानें तो ऐसे मामलों की त्वरित सुनवाई न्याय व्यवस्था और जनहित, दोनों के लिए आवश्यक है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने पिछले महीने ही आईआरसीटीसी होटल घोटाला मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए।

सीबीआई के अनुसार, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव के अलावा राज्यसभा सदस्य प्रेमचंद गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता, आईआरसीटीसी अधिकारियों, कोचर ब्रदर्स समेत कुल 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए गए थे।

जांच एजेंसी के अनुसार, लालू यादव पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आईआरसीटीसी के कई अधिकारियों की मिलीभगत से कोचर ब्रदर्स को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप है। इसके एवज में पटना स्थित एक कीमती भूमि को कोचर ब्रदर्स ने एक ऐसी कंपनी को बेच दिया जो लालू प्रसाद यादव के करीबी और राजद के राज्यसभा सदस्य प्रेमचंद गुप्ता से जुड़ी थी।

यह जमीन मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (डीएमसीपीएल) के नाम से खरीदी गई थी, जिसे बाद में लारा प्रोजेक्ट्स एलएलपी के नाम से परिवर्तित कर दिया गया। यह कंपनी लालू परिवार के हित में संचालित की जा रही थी और अंततः इस संपत्ति का नियंत्रण राबड़ी देवी और तेजस्वी प्रसाद यादव के हाथों में चला गया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि न्याय की प्रक्रिया में तेजी लाना आवश्यक है। आईआरसीटीसी घोटाला जैसे मामलों में त्वरित सुनवाई न केवल न्यायिक प्रणाली की प्रभावशीलता को दर्शाती है, बल्कि यह जनता के विश्वास को भी मजबूत करती है। हमें मामले की जटिलताओं को समझते हुए, निष्पक्ष और तटस्थ रहना चाहिए।
NationPress
11/11/2025

Frequently Asked Questions

आईआरसीटीसी घोटाला क्या है?
आईआरसीटीसी घोटाला भारतीय रेलवे के खानपान और पर्यटन सेवा प्रदाता आईआरसीटीसी से संबंधित भ्रष्टाचार का मामला है।
लालू यादव इस मामले में क्यों फंसे हैं?
लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर आईआरसीटीसी के अधिकारियों के साथ मिलकर अनियमितताएं की।
कोर्ट ने याचिका क्यों खारिज की?
कोर्ट ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और न ही यह उचित है कि दैनिक सुनवाई को स्थगित किया जाए।
इस मामले में आगे क्या होगा?
अगली सुनवाई के दौरान अदालत को सभी पक्षों की दलीलें सुननी होंगी और मामले की सुनवाई जारी रहेगी।
क्या लालू और राबड़ी को जेल हो सकती है?
यदि अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया, तो उन्हें सजा हो सकती है, हालांकि यह पूरी तरह से न्यायिक प्रक्रिया पर निर्भर करता है।