क्या इस देश से 31 मार्च 2026 तक हथियारी नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- नक्सलवाद का खात्मा 31 मार्च 2026 तक संभव है।
- आंतरिक सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
- नॉर्थ-ईस्ट में विकास और शांति का रास्ता बन रहा है।
- सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं और योजनाएँ बनाई हैं।
- सामाजिक मुद्दों का समाधान आवश्यक है।
नई दिल्ली, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नई दिल्ली में 'नक्सल मुक्त भारत' के समापन समारोह में मोदी के नेतृत्व में लाल आतंक को समाप्त करने की बात की। उन्होंने कहा, "मैं पुनः कहता हूँ कि 31 मार्च 2026 तक इस देश से हथियारी नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा।"
अमित शाह ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि 31 मार्च 2026 तक देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा, लेकिन सवाल यह है कि इस देश में नक्सलवादी समस्या क्यों पनपी, क्यों बढ़ी और इसका वैचारिक पोषण किसने किया? जब तक भारतीय समाज इस सिद्धांत और नक्सलवाद के विचार का वैचारिक पोषण करने वाले लोगों को समझ नहीं लेता है, तब तक नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई समाप्त नहीं होगी। हमें इस विचार के आगे बहुत कुछ करना होगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने, तो देश तीन मुख्य आंतरिक सुरक्षा हॉटस्पॉट से जूझ रहा था- जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ-ईस्ट और वामपंथी उग्रवाद वाला क्षेत्र। ये इलाके चार-पांच दशकों से अशांति का कारण बने हुए थे, जिनमें हजारों लोगों की जान गई और शांति व स्थिरता भंग हुई। इसके अलावा, भारत के बजट का एक बड़ा हिस्सा, जो गरीबों की भलाई पर खर्च किया जा सकता था, इन क्षेत्रों में पैदा हुई चुनौतियों से निपटने में लगा दिया गया।
उन्होंने कहा कि मोदी के सत्ता में आने के बाद, सरकार ने इन हॉटस्पॉट को मुख्य प्राथमिकता के तौर पर पहचाना और समस्याओं को हल करने के लिए एक लंबी अवधि की, अच्छी तरह से परिभाषित रणनीति लागू की।
उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा और देश की सीमाओं की सुरक्षा... भारतीय जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक हमारी विचारधारा का एक प्रमुख अंग है। हमने जो यात्रा तय की, उसके मूल उद्देश्यों में तीन बातें प्रमुख हैं: पहला- देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा, दूसरा- सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और तीसरा- भारतीय संस्कृति के सभी अंगों का पुनर्वास।
अमित शाह ने आगे कहा कि एक समय भारत के बाकी हिस्सों से अलग-थलग माना जाने वाला नॉर्थ-ईस्ट क्षेत्र अब कई तरह के परिवहन साधनों से जुड़ चुका है। आज यह क्षेत्र ट्रेन, रेलवे और जलमार्गों से जुड़ गया है। साथ ही, दिल्ली और नॉर्थ-ईस्ट के बीच की दूरी भी हमारी सरकार ने कम की है। आज नॉर्थ-ईस्ट विकास और शांति के रास्ते पर बढ़ रहा है। इसी तरह जम्मू-कश्मीर से धारा 370 समाप्त कर उसे विकास के रास्ते पर लाने का कार्य हुआ।
उन्होंने बताया कि नॉर्थ-ईस्ट में सुरक्षा कर्मियों की मृत्यु में 2004-2014 की तुलना में 2014-2024 में 70 प्रतिशत की कमी आई है। नागरिकों की मृत्यु में भी 85 प्रतिशत की कमी आई है। 12 महत्वपूर्ण शांति समझौतों के माध्यम से, भाजपा की सरकार ने 10,500 युवाओं को मेनस्ट्रीम में लाने का कार्य किया।
गृह मंत्री ने कहा कि पशुपति से तिरुपति तक का यह क्षेत्र कभी रेड कॉरिडोर के नाम से जाना जाता था। अपने चरम पर, इस क्षेत्र में देश के 70 प्रतिशत भाग और लगभग 12 करोड़ लोग नक्सलवाद के खतरे में रहते थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने संवाद, सुरक्षा और समन्वय के तीनों पहलुओं पर कार्य किया। आज परिणाम यह है कि मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि 31 मार्च 2026 तक इस देश से हथियारी नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा।