क्या पाकिस्तान इस्लाम और इंसानियत के लिए कलंक है? कारी अबरार जमाल का बयान
सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तान ने इस्लाम की छवि को नुकसान पहुँचाया है।
- इस्लाम के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप।
- फिल्म 'धुरंधर' में पाकिस्तान का पर्दाफाश किया गया है।
- इंसानियत को जिंदा रखने के लिए पाकिस्तान का बहिष्कार आवश्यक है।
- भारत मुसलमानों के लिए सुरक्षित स्थान है।
सहारनपुर, १३ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जमीयत हिमायतुल इस्लाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष कारी अबरार जमाल ने इस्लाम का मजाक बनाने के आरोप में कड़ा प्रहार किया है। उनका कहना है कि पाकिस्तान ने इस्लाम के स्वरूप को दुनिया में सबसे अधिक नुकसान पहुँचाया है। फिल्म 'धुरंधर' को लेकर भी कारी अबरार जमाल ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
कारी अबरार जमाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान में सबसे अधिक धोखाधड़ी, अय्याशी, आतंकवाद, रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार हैं। पाकिस्तान को इस्लाम के नाम पर स्थापित किया गया था, लेकिन वहाँ और इस्लाम में कोई तालमेल नहीं है। इस्लाम में तो वजू के पानी को भी अधिक बहाने की इजाज़त नहीं है, लेकिन पाकिस्तान बेगुनाहों की जान लेता जा रहा है।
उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि आतंकवादियों को पाकिस्तान की सेना संरक्षण देती है। ऐसे पाकिस्तान का पर्दाफाश होना आवश्यक है, चाहे वह किसी फिल्म, मुहिम, या किसी भी तरीके से हो।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर लोग इंसानियत को जिंदा रखना चाहते हैं तो पाकिस्तान का बहिष्कार करें। पाकिस्तान न सिर्फ इस्लाम के नाम पर कलंक है, बल्कि इंसानियत के नाम पर भी दाग है। जब तक पाकिस्तान अपनी मानसिकता नहीं बदलेगा, तब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं हो सकता।
कारी अबरार जमाल ने कहा कि यदि दुनिया में शांति स्थापित करनी है, तो पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़नी होगी।
'धुरंधर' फिल्म के संदर्भ में उन्होंने कहा कि ऐसे देश का पर्दाफाश होना चाहिए जो आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। यदि फिल्म में पाकिस्तान को उजागर किया गया है, तो यह सकारात्मक बात है, लेकिन किसी भी फिल्म का धर्म के खिलाफ बनना उचित नहीं है।
जब हम इबादत करते हैं तो मिट्टी को चूमते हैं। इस मिट्टी की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। देश के लिए जीना और मरना हमारी भावना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान भारत है।
वंदे मातरम को लेकर कारी अबरार जमाल ने कहा कि इस पर कोई बहस नहीं होनी चाहिए। राष्ट्रीय गीत सबको गाना चाहिए और वतन से बढ़कर हमारे लिए कुछ नहीं हो सकता। यह एक लोकतांत्रिक देश है, जहां सभी को अपने धर्म के अनुसार जीने की आजादी है, लेकिन धरती के गौरव की बात करना गलत नहीं है।