क्या आईटीबीपी ने 64वां स्थापना दिवस मनाया? अमित शाह और मनोज सिन्हा ने दीं शुभकामनाएं
सारांश
Key Takeaways
- आईटीबीपी का स्थापना दिवस 24 अक्टूबर को मनाया जाता है।
- यह बल भारत-चीन सीमा की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- आईटीबीपी के जवानों ने कठिन परिस्थितियों में साहस का परिचय दिया है।
- लेफ्टिनेंट कर्नल नसीब सिंह इसके स्थापना अधिकारी थे।
- आईटीबीपी ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में सुरक्षा सेवाएं दीं।
श्रीनगर, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के ६४वें स्थापना दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं दी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा, "आईटीबीपी के कर्मियों को उनके स्थापना दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं। कठिन और दुर्गम परिस्थितियों में राष्ट्र की गरिमा की रक्षा करते हुए आईटीबीपी के हिमवीरों ने अपने साहस और राष्ट्र के प्रति समर्पण के गौरवशाली उदाहरण स्थापित किए हैं। देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों को सलाम।"
वहीं जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी आईटीबीपी के जवानों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, "आईटीबीपी के स्थापना दिवस पर सभी जवानों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं। हमारी सीमाओं की रक्षा और राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में आपका अटूट साहस, समर्पण और निस्वार्थ सेवा वास्तव में सराहनीय है। कर्तव्य पथ पर सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि।"
यह उल्लेखनीय है कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की स्थापना २४ अक्टूबर १९६२ को भारत-चीन युद्ध के बाद हुई थी। यह बल भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की सुरक्षा करता है।
१९६२ के युद्ध के पहले सप्ताह में चार बटालियनों के साथ इस बल का गठन किया गया था, जिसका उद्देश्य खुफिया जानकारी एकत्र करना, पारंपरिक और गुरिल्ला युद्ध लड़ना और चीनी सीमा पर भारतीय संचार प्रणालियों को बेहतर बनाना था। इसका गठन सीआरपीएफ अधिनियम के तहत किया गया था। इसने भारत और पाकिस्तान के बीच १९६५ और १९७१ के युद्धों में भी भाग लिया था।
१९७८ में आईटीबीपी का पुनर्गठन किया गया, जिसमें ९ सर्विस बटालियनों, चार स्पेशलिस्ट बटालियनों और दो ट्रेनिंग सेंटर शामिल किए गए।
आईटीबीपी के स्थापना अधिकारी भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल नसीब सिंह थे, जो भारतीय सेना की ९ गोरखा रेजिमेंट की चौथी बटालियन के स्थापना अधिकारी भी थे।
आईटीबीपी ने १९८२ के एशियाई खेलों, गुटनिरपेक्ष आंदोलन के ७वें शिखर सम्मेलन और १९८३ के राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन के दौरान भी सुरक्षा सेवाएं प्रदान कीं।