क्या शनिवार को सरसों के तेल के आसान उपायों से मिलेगी शनि देव की कृपा?
सारांश
Key Takeaways
- शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाना लाभकारी है।
- पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से शनि प्रसन्न होते हैं।
- सरसों का तेल घर में लगाने से सकारात्मकता बढ़ती है।
- सरसों के तेल का दान करने से शनि देव की कृपा मिलती है।
- यह उपाय मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक है।
नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिंदू धर्म में शनिवार को शनि देव की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि शनिदेव हमारे अच्छे और बुरे कर्मों का फल देते हैं। जो लोग अच्छे कर्म करते हैं, उन्हें शनि देव आशीर्वाद देकर जीवन में सफलता प्रदान करते हैं। वहीं, बुरे कर्म करने वालों को शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इसलिए, शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए लोग शनिवार को विशेष उपाय करते हैं, जिनमें सबसे प्रभावी उपाय है सरसों के तेल का दीपक जलाना।
शास्त्रों के अनुसार, शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि प्रसन्न होते हैं। दीपक जलाते समय ध्यान दें कि आपका मुंह उत्तर दिशा की ओर हो और दीपक जलाने के बाद बिना पीछे मुड़े सीधे घर लौटें। ऐसा करने से शनि देव की कृपा मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे न केवल शनि दोष कम होता है, बल्कि अप्रत्याशित समस्याएं भी दूर होती हैं।
सरसों के तेल के उपाय केवल दीपक तक सीमित नहीं हैं। शनिवार को घर में सरसों का तेल लगाने से भी लाभ होता है। घर के मुख्य द्वार पर हल्का सा तेल लगाना, तेल में हल्दी मिलाकर दीपक जलाना, या तेल का दान करना, सभी उपाय शनि की कृपा को बढ़ाते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जिनकी कुंडली में शनि दोष या कमजोर शनि की स्थिति हो।
इसके अतिरिक्त, शनिवार को मिट्टी के दीपक में सरसों का तेल डालकर पूजा करना भी बहुत शुभ माना जाता है। इस दीपक को पीपल के पेड़ के पास, मंदिर में या अपने घर के पूजा स्थल पर जलाया जा सकता है। जब दीपक जलता है, तो वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और व्यक्ति मानसिक रूप से हल्का अनुभव करता है।
यदि आप शनि दोष या जीवन में लगातार समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाना और पीपल के पेड़ की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसके अतिरिक्त, सरसों के तेल का दान गरीबों या मंदिर में करना भी शनि को प्रसन्न करने का संकेत माना जाता है। यह उपाय न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मविश्वास भी बढ़ाने में मदद करता है।