क्या जगदीप धनखड़ का इस्तीफा हैरानी भरा है? वारिस पठान की टिप्पणी

सारांश
Key Takeaways
- जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से हो सकता है।
- अगले उपराष्ट्रपति के लिए कई नाम चर्चा में हैं।
- बिहार में मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया विवादित है।
- धार्मिक आस्था के नाम पर हिंसा की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
- संविधान का पालन सभी के लिए अनिवार्य है।
मुंबई, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे पर हैरानी जताई, यह पूछते हुए कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि धनखड़ राज्यसभा के चेयरमैन रहे हैं और उनका इस्तीफा अब एक निजी मामला बन गया है। हम उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। कल शाम को वह अच्छे स्वास्थ्य में थे, फिर अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने की वजह क्या थी?
उनका कार्यकाल अभी दो साल का था, ऐसे में अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा, यह एक बड़ा सवाल है। राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक इस विषय पर चर्चाएँ हो रही हैं। प्रमुख नामों में पूर्व मुख्य न्यायाधीश का नाम सबसे पहले आ रहा है।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया पर किसी को एतराज नहीं था, लेकिन इसे लागू करने का तरीका गलत है। आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर कार्ड को नजरअंदाज कर दिया गया है। गरीब तबके के लोग दस्तावेज कहाँ से लाएँगे?
उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नागरिकता के मामलों में हस्तक्षेप करने से मना किया है। बिहार में 35 लाख वोटरों के नाम हटाए गए हैं। मेरा मानना है कि असंवैधानिक चीजें नहीं होनी चाहिए।
कांवड़ यात्रा पर उन्होंने कहा कि संविधान सभी को अपनी धार्मिक आस्था का पालन करने का अधिकार देता है। लेकिन आस्था के नाम पर हिंसा या तोड़फोड़ की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। हर किसी को अपने अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।