क्या नोएडा प्राधिकरण की समीक्षा बैठक में निर्माण कार्यों की धीमी गति पर सीईओ नाराज हुए?

सारांश
Key Takeaways
- सीईओ ने निर्माण कार्यों की गति में सुधार के लिए निर्देश दिए।
- विभिन्न परियोजनाओं के लिए आरएफपी को शीघ्र स्वीकृत करने की बात की गई।
- सभी कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- जल निकासी व्यवस्था में सुधार के लिए सर्वे कराने का निर्णय लिया गया।
- क्लॉक टावर को १५ अगस्त तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
नोएडा, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने शुक्रवार को प्राधिकरण की विभिन्न प्रगतिरत और प्रस्तावित परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा बैठक की। इस बैठक में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार खत्री, विशेष कार्याधिकारी महेन्द्र प्रसाद सहित प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक में सेक्टर-१८ और सेक्टर-९८ में विकसित हो रहे विशेष फूड जोन और वेंडिंग जोन के लिए तैयार की गई आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) को तुरंत वित्त और विधि विभाग से स्वीकृति दिलाने और आमंत्रित करने के निर्देश दिए गए। चयन प्रक्रिया में पूर्व में ऐसे कार्यों का अनुभव रखने वाली एजेंसियों को प्राथमिकता देने की बात की गई।
सीईओ ने सेक्टर-१८ के तिकोना पार्क की चारदीवारी पर एलईडी लाइट्स स्थापित करने और सेक्टर-२१ए में स्थित नोएडा स्टेडियम में कैपेक्स मॉडल पर प्रस्तावित कॉफी हाउस की आरएफपी को आज ही प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के कार्य में तेजी लाने के आदेश भी दिए गए। सेक्टर-५१ और ५२ के बीच फुटओवरब्रिज पर लंबित विद्युत कार्यों को शीघ्र पूरा करने और सिविल कार्य को सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
इसी प्रकार, सेक्टर-१६७ के लेक पार्क और ग्राम सोरखा में विकसित हो रहे पुष्कर्णी तालाब के कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए ताकि देव-दीपावली जैसे आयोजनों की तैयारी की जा सके। सेक्टर-१५१ए में निर्माणाधीन गोल्फ कोर्स के शेष कार्यों के लिए एक अलग टेंडर प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया, जबकि सेक्टर-९६ में बन रहे प्रशासनिक भवन में सभी लिफ्ट चालू कराने और वर्षा से क्षतिग्रस्त होने की संभावना वाले हिस्सों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया।
सीईओ ने “प्रहरी ऐप” को प्राधिकरण की निविदा और आगणन प्रक्रिया के लिए जल्द लागू करने पर भी बल दिया। बैठक में चिल्ला एलिवेटेड रोड परियोजना की समीक्षा के दौरान घटिया गुणवत्ता की स्टील के उपयोग पर नाराजगी व्यक्त की गई। उत्तर प्रदेश सेतु निगम को स्वीकृत स्टील का ही उपयोग करने और नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।
वहीं, भंगेल एलिवेटेड रोड की देरी के लिए सेतु निगम को दंड सहित समयवृद्धि प्रदान कर कार्य शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया गया। हिंडन नदी पर बन रहे पुल के एप्रोच रोड को भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए, लेकिन पुल का कार्य अधूरा रहने के कारण रोड निर्माण बाधित हो रहा है। सीईओ ने इस पर जल्द समाधान निकालने को कहा। २३ जुलाई को भारी वर्षा के बाद जलभराव की स्थिति पर विभागों से रिपोर्ट मांगी गई है। समग्र ड्रेनेज सिस्टम में सुधार और जल निकासी के बॉटलनेक प्वाइंट्स की पहचान के लिए आईआईटी जैसी संस्था से सर्वे कराने का निर्देश भी दिया गया। बैठक के बाद सीईओ ने सेक्टर-१२८ और जीआईपी के पास निर्माणाधीन क्लॉक टावर और प्रस्तावित अंडरपास स्थलों का दौरा किया और क्लॉक टावर को १५ अगस्त तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।