क्या स्वास्थ्य कारणों से जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया?

सारांश
Key Takeaways
- जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से हुआ।
- चिकित्सकों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी।
- धैर्यशील माने ने इस मामले में कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं।
- विपक्ष का सवाल उठाना राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
- राजनीति में स्वास्थ्य और जिम्मेदारी का बंधन महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति के पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद विपक्ष ने लगातार सवाल उठाना शुरू कर दिया है। इस संदर्भ में शिवसेना सांसद धैर्यशील माने ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए बताया कि चिकित्सकों ने उनके गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए आराम करने की सलाह दी थी। इसी के चलते उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
धैर्यशील माने ने स्पष्ट किया कि जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे में इस बात का उल्लेख किया है कि उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा था, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया। चिकित्सकों ने उन्हें यह सुझाव दिया कि उन्हें मानसिक शांति की आवश्यकता है। इसीलिए उन्होंने सोच-समझकर इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर उनका कहना था कि विपक्ष का काम सवाल करना है। अगर वे इस संबंध में सवाल उठाते हैं, तो यह उनका अधिकार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पुरानी आदत है कि चाहे कुछ भी हो जाए, वे इस्तीफा नहीं देते। लेकिन भाजपा में ऐसा नहीं है; अगर किसी को लगता है कि वह किसी संवैधानिक पद की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकता, तो वह तुरंत इस्तीफा दे देता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की मांग को लेकर शिवसेना नेता ने कहा कि सरकार ने इस पर चर्चा करने का निर्णय लिया है। इसके लिए विपक्ष को हंगामा करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब भी सरकार सत्र बुलाती है, तो जानबूझकर कोई ऐसा मुद्दा उठाया जाता है जिससे समय बर्बाद होता है। बिहार के चुनाव नजदीक आने पर विपक्ष जानबूझकर हंगामा खड़ा कर रहा है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।